बिहार में शराबबंदी से पूर्व का विश्वस्तरीय आकलन विश्व स्वस्थ्य संगठन ( WHO Report ) की 2016 की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में शराब के सेवन से तीस लाख मौतें ( 3 Millon Deaths ) हुईं। इसमें अकेले बिहार में ही डेढ़ लाख लोग शराब पीने से मारे गये। जबकि 29 हजार मौतें आत्महत्या ( 29 Thousand Sucides ) से हुई हैं। हैरतअंगेज बात यह कि शराब पीकर मरने वालों में बीस से उन्नतीस आय ुवर्ग के युवाओं की संख्या कम नहीं है। शराब पीने से इस आयु वर्ग के 13.5 फीसदी युवाओं की मौत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक कुल मौतों में 5.3 फीसदी महज़ शराब संबंधी कारणों से हुई है। शराब पीने के चलते पकड़े और जेल भेजे जाने वालों की तादाद भी बढ़ी। शराब के कारणों से बिहार में चार लाख से अधिक लोग जेल भेजे गये।
यह भी कम दिलचस्फ नहीं कि शराबबंदी से बिहार में घरेलू हिंसा की घटनाओं में बेहद कमी आई और आम तौर पर पीकर बवाल करने वाले नदारद हो गये।सावज़्जनिक तौर पर शराब की बिक्री कम होने से अपराध खासकर महिलाओं के प्रति अपराध में भी कमी आई है।