उदाहरण प्रस्तुत करें
याद रखें, बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सीखते हैं। आपके कार्यों की गूंज आपके शब्दों से तेज होती है। पहले खुद अच्छे व्यवहार के द्वारा सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करें फिर बच्चों से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करें।
अच्छा व्यवहार करें
बच्चों से विनम्रता से बात करें। उनकी बातों को ध्यान से सुनें। बच्चे के साथ आपका व्यवहार दूसरों के साथ उसके व्यवहार की आधारशिला है।
उम्र का ध्यान रखें
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे उनके व्यवहार में बदलाव आता है। जैसे-जैसे बच्चों के व्यवहार में बदलाव आता है, उसके अनुरूप उनके साथ अपने संबंधों में बदलाव लाएं।
बच्चों से ये बातें कभी न कहें
कभी-कभी माता-पिता बच्चों को ऐसी बात कह देते हैं, जो उनके मन में घर कर जाती हैं। इसलिए ऐसी बातें कहने से बचें। जैसे, ‘मैं जब तुम्हारी उम्र की थी तो अधिक जिम्मेदार थी। तुम अपने बहन/भाई की तरह क्यों नहीं बन सकते?’
जिम्मेदार बनाएं
बचपन से ही बच्चों में जिम्मेदारी की भावना विकसित करें। नियम बनाकर चलने के साथ उन्हें आत्म-नियत्रंण सिखाएं।
साथ होने का अहसास कराएं
बच्चों की हर जरूरत के समय उनके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से उपलब्ध रहें लेकिन उन्हें थोड़ा स्पेस भी दें। हमेशा उनके साथ साए की तरह न रहें। पूनम मेहता
सही तरीके से बच्चे को समझाएं
बच्चों के कई सवालों का जवाब आपको ही देने होते हैं। शांति और स्नेहपूर्वक होकर स्थिति का सामना करना चाहिए। सही तरीके से बच्चे को समझाएं और उसे हर स्थिति का सामना करने के लिए प्रेरित करें। अच्छी परवरिश वह है जिसमें बच्चे में सहानुभूति, ईमानदारी, आत्म-विश्वास, आत्म-नियंत्रण, दयालुता, सहयोग, मानवता और प्रसन्न व्यवहार के गुण विकसित हों।