इससे अच्छा गिफ्ट नहीं : सर्वे बताते हैं कि पेरेंट्स जितने टॉयज बच्चों को खरीद कर देते हैं उनमें से लगभग दो-तिहाई खिलौने नापसंद करार दिए जाते हैं। जो पसंद किए जाते हैं, उन्हें भी कुछ हफ्ते और कभी-कभी कुछ मिनट ही खेलकर छोड़ दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर परिवार के साथ बिताई गईं छुट्टियां का न केवल वे वर्तमान में लुत्फ उठाते हैं, बल्कि इन पलों को जीवनभर यादों में बसा कर रखते हैं।
सही खिलौने भी जरूरी : इसमें कोई दोराय नहीं कि बच्चों में खेल की भावना को पनपने देने के लिए खिलौने जरूरी हैं लेकिन बहुत से आधुनिक खिलौने बच्चों और परिवार के बीच दूरियां बढ़ाने का काम भी कर रहे हैं। खेल ऐसा हो, जिससे बच्चे को जरूरी अनुभव हो सकें और बड़े भी इसका मजा उठा सकें। इनके बिना भी जीवन बहुत खाली और उत्साहहीन होगा।
मिलेंगे खास अनुभव : बड़ों की ही तरह बच्चे भी भौतिक वस्तुओं से ज्यादा अनुभवों को पसंद करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यात्रा को बच्चे एंजॉय करते हैं लेकिन उनका नजरिया बड़ों से अलग होता है। इस दौरान वे जो भी सीखते हैं, उसे हमेशा याद रखते हैं। लेकिन जगह का चुनाव करते वक्त बच्चे की पसंद को ध्यान में रखना जरूरी है।
तनाव की भी छुट्टी : पारिवारिक यात्रा बच्चे को अपने पेरेंट्स का मस्ती भरा रूप देखने का मौका दे सकती है, जो उसे कभी घर में दिखाई नहीं देता। दूसरी ओर आज हमारी जीवनशैली जितनी तनावभरी है, उतनी ही बच्चों की भी हो रही है। पढ़ाई और अच्छे नतीजों का तनाव उन्हें भी स्ट्रेस का शिकार बना रहा है। छुट्टियां हमें इस तनाव भरे जीवन से दूर साथ में रिलेक्स और मस्ती करने का मौका देती हैं।