नगर के साहित्यकार सुदीप श्रीवास्तव (दीप) ने देवी प्रतिमाओं से संबंधित दुर्लभ जानकारी का संग्रह किया है, जो शीघ्र आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी भोपाल की पुस्तक में पढऩे को मिलेगी। गौरतलब है कि पन्ना प्रदेश के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों में से एक है। यहां गौड़ राजाओं के बाद महाराजा छत्रसाल के वंशजों ने करीब ३०० साल तक राज किया। इस दौरान गौड़ राजाओं ने अपनी आराध्य देवी पद्मावती की स्थापना की।
इसके बाद बुंदेला राजाओं ने माता विंध्यवासिनी मंदिर की स्थापना थी। उनके साथ ही जिले के पद्मावती माता देवी बड़ी देविन माता मंदिर, बनौली की कंकाली माता, पवई की कलेही माता मंदिर, अजयगढ़ की सरस्वती माता मंदिर, दानदायी मंदिर शाहनगर, फूलामाता मंदिर पन्ना, खेरमाता मंदिर वनसुरई सहित करीब एक दर्जन देवी मंदिरों के बारे में महत्वूपर्ण जानकारियां संकलित की गई हैं।
पुस्तक के रूप में होगा प्रकाशन साहित्यकार सुदीप ने बताया, आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी भोपाल की ओर से प्रदेश भर से इसी तरह की लोक देवियों को लेकर लोगों के विश्वास, अनुष्ठान, पूजन विधान और अनुष्ठानों को लेकर जानकारी संग्रहित कराई गई है। इसको लेकर अकादमी की ओर से शीघ्र एक पुस्तक का प्रकाशन किया जाना है। इसमें जिले के साहित्यकार सुदीप श्रीवास्तव द्वारा संग्रहित सामग्री को भी स्थान दिया जाएगा।
इस संबंध में अकादमी की ओर से साहित्यकार को पत्र लिखकर सूचना दी गई है। सुदीप ने बताया, जानकारी के पुस्तक के रूप में प्रकाशित होने से देश दुनिया के लोगों को उक्त धार्मिक स्थलों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी मिलेगी।