पन्ना टाइगर रिजर्व की हथनी वत्सला का जन्म केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में हुआ था। जहां से उसे वर्ष १९७२ में होशंगाबाद के बोरी अ यरणय में लाया गया था। जहं उसने कई सालों तक सेवा दी। इसके बाद वर्ष १९९२ में वत्सला को पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया था। तब से वह पन्ना टाइगर रिजर्व में ही है। करीब डेढ़ दशक तक वत्सला पर्यटकों को टाइगर रिजर्व का भ्रमण कराती रही है।
अधिक उम्र होने के बाद उसे रिटायर कर दिया गया था। अब उसे सुपाच्य भोजन दिए जाने के साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन अब वत्सला से किसी प्रकार का काम नहीं लेता है। पन्ना टाइगर रिजर्व आने वाले देसी और विदेसी पर्यटकों के बीच भी वत्सला की काफी पूछ परख होती है। पीसीसीएफ अहमद ने बताया, वत्सला का जन्म रिकॉर्ड नीलांबुर से मंगाने के निर्देश उन्होंने दिए हैं।
यदि जरूरत पडी तो पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता को रिकॉर्ड लाने के लिए नीलांबुर भेजा जाएगा, ताकि वत्सला की उम्र कितनी है इसकी प्रामाणिक रूप से पुष्टि हो सके। वत्सला के शतायु होने का पन्ना में उत्सव मनाने के साथ ही गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की भी पहल की जाएगी। ताकि वत्सला को दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का गौरव हासिल हो सके।
पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव गुप्ता वत्सला की बीते 18 वर्षो से चिकित्सकीय देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हांथी की औषात उम्र 50 से 70 वर्ष होती है। 70 साल की उम्र तक हांथी के दांत गिर जाते हैं। उन्होंने बताया वर्ष 2000 में जब उन्होंने देखा था तो वत्सला के एक भी दांत नही थे। जबकि महावत का कहना था कि 1995 के बाद वत्सला दांत बिहीन हो चुकी थी। दुनिया का सबसे अधिक उम्र का लिन वांग नाम का हांथी ताइवान के चिडियाघर में था जिसकी 86 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो चुकी है।इस तरह से वत्सला जो 95 वर्ष से भी अधिक उम्र की है उसे सबसे उम्रदराज हथिनी कहा जा रहा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. एस के गुप्ता ने बताया कि टाइगर रिजर्व के ही एक नर हांथी ने वर्ष 2003 और 2008 में दो मर्तवे प्राण घातक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मदमस्त नर हांथी ने दांतों से प्रहार कर वत्सला का पेट चीर दिया था।लेकिन बेहतर उपचार और सेवा से इस बुजुर्ग हथिनी को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया गया। मौजूदा समय यह हथिनी देशी व विदेशी पर्यटकों लिए जहाँ आकर्षण का केंद्र है।वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व के अनमेाल रत्नों में से एक है।