scriptखुद की पहचान को मोहताज दुनियां की सबसे बुजुर्ग हथनी वत्सला बनेगी निर्वाचन की डिस्ट्रिक्ट आइकॉन | World's oldest elephant Vatsala to become panna district icon | Patrika News

खुद की पहचान को मोहताज दुनियां की सबसे बुजुर्ग हथनी वत्सला बनेगी निर्वाचन की डिस्ट्रिक्ट आइकॉन

locationपन्नाPublished: Aug 29, 2018 10:03:57 pm

Submitted by:

Rudra pratap singh

दस्तावेजों की कमी के कारण अभी तक गिनीज बुक ऑर्फ वल्र्ड रिकॉर्ड में नहीं दर्ज हो पाया बुजुर्ग हथनी के रूप में नाम, जिला निर्वाचन कार्यालय ने मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा प्रस्ताव।

World's oldest elephant Vatsala to become panna district icon

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पन्ना. पन्ना टाइगर रिजर्व की पहचान बन चुकी वत्सला दुनियां की सबसे बुजुर्ग हथनी के रूप में गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के लिए दस्तावेजों की मोहताज है। इसके बाद भी वह जिले को एक नई पहचान दिलाएगी। दरअसल जिल निर्वाचन कार्यालय की ओर से वत्सला को निर्वाचन की डिस्ट्रिक्ट आइकॉन बनाने संबंधी प्रस्ताव राज्य निर्वाचन पदधिकारी को भेज गया है। यदि जिला निर्वाचन कार्यालय का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो खुद की पहचान को मोहताज वत्सला जिले को एक नई पहचान दिलाती हुई नजर आएगी।
उल्लेखनीय है कि देश में देश में आगामी एक वर्ष तक लगातार चुनाव होने हैं । पहले विधान सभा और उसके बाद लोक सभा। इसके बाद नगरीय निकाय और पंचायतों के भी चुनाव होने हैं। जिसकी तैयारियां भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू कर दी हैं। जिले में भी निर्वाचन की सरगर्मियां तेज हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय ने ईवीएम वीवी पैट मशीनो को लेकर जागरुक करने सहित समस्त तैयारियां शुरू कर दी है किसी तरीके का व्यवधान नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी ताकत लगा रहा है। ऐसे में पन्ना जिले के निर्वाचन के आइकॉन के रूप में जिला निर्वाचन कार्यालय ने हाथी वत्सला को चुना है।
पन्ना जिले की पहचान भले ही बेशकीमती हीरों और बाघों से हो लेकिन अब निर्वाचन का आइकॉन सौ साल की उम्र पूर्ण कर चुकी वत्सला हथनी होगी । इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने मध्य प्रदेश के मु य निर्वाचन पदाधिकारी को 25 अगस्त को पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हथिनी वत्सला सौ वर्ष की उम्र पूर्ण कर चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ है।
इसकी देखभाल पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ कि जा रही है। यदि आइकॉन के रूप में वत्सला को रखा जाता है तो निश्चित रूप से यह अनूठी और अभिनव पहल होगी। आइकॉन बनाने से वत्सला की जहां लोकप्रियता बढ़ेगी वहीं पन्ना जिले को भी एक नई पहचान मिलेगी। जिला निर्वाचन कार्यालय की इस पहल पर वन्यजीव प्रेमियों ने प्रसन्नता जाहिर की है।
केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में जन्मी थी वत्सला
पन्ना टाइगर रिजर्व की हथनी वत्सला का जन्म केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में हुआ था। जहां से उसे वर्ष १९७२ में होशंगाबाद के बोरी अ यरणय में लाया गया था। जहं उसने कई सालों तक सेवा दी। इसके बाद वर्ष १९९२ में वत्सला को पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया था। तब से वह पन्ना टाइगर रिजर्व में ही है। करीब डेढ़ दशक तक वत्सला पर्यटकों को टाइगर रिजर्व का भ्रमण कराती रही है।
अधिक उम्र होने के बाद उसे रिटायर कर दिया गया था। अब उसे सुपाच्य भोजन दिए जाने के साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन अब वत्सला से किसी प्रकार का काम नहीं लेता है। पन्ना टाइगर रिजर्व आने वाले देसी और विदेसी पर्यटकों के बीच भी वत्सला की काफी पूछ परख होती है। पीसीसीएफ अहमद ने बताया, वत्सला का जन्म रिकॉर्ड नीलांबुर से मंगाने के निर्देश उन्होंने दिए हैं।
यदि जरूरत पडी तो पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता को रिकॉर्ड लाने के लिए नीलांबुर भेजा जाएगा, ताकि वत्सला की उम्र कितनी है इसकी प्रामाणिक रूप से पुष्टि हो सके। वत्सला के शतायु होने का पन्ना में उत्सव मनाने के साथ ही गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की भी पहल की जाएगी। ताकि वत्सला को दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का गौरव हासिल हो सके।
50 से 70 वर्ष होती है हाथियों की औषत उम्र
पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव गुप्ता वत्सला की बीते 18 वर्षो से चिकित्सकीय देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हांथी की औषात उम्र 50 से 70 वर्ष होती है। 70 साल की उम्र तक हांथी के दांत गिर जाते हैं। उन्होंने बताया वर्ष 2000 में जब उन्होंने देखा था तो वत्सला के एक भी दांत नही थे। जबकि महावत का कहना था कि 1995 के बाद वत्सला दांत बिहीन हो चुकी थी। दुनिया का सबसे अधिक उम्र का लिन वांग नाम का हांथी ताइवान के चिडियाघर में था जिसकी 86 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो चुकी है।इस तरह से वत्सला जो 95 वर्ष से भी अधिक उम्र की है उसे सबसे उम्रदराज हथिनी कहा जा रहा है।
दो बार हो चुके प्राणघातक हमले
पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. एस के गुप्ता ने बताया कि टाइगर रिजर्व के ही एक नर हांथी ने वर्ष 2003 और 2008 में दो मर्तवे प्राण घातक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मदमस्त नर हांथी ने दांतों से प्रहार कर वत्सला का पेट चीर दिया था।लेकिन बेहतर उपचार और सेवा से इस बुजुर्ग हथिनी को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया गया। मौजूदा समय यह हथिनी देशी व विदेशी पर्यटकों लिए जहाँ आकर्षण का केंद्र है।वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व के अनमेाल रत्नों में से एक है।
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