देहरादून में स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान एआई की मदद से 450 किलोमीटर लंबी केन नदी का सर्वे करेगी और वहां मौजूद घड़ियालों की मौजूदगी का डेटा बनाएगी। ये प्रोजेक्ट उसी तरह है जिस तरह पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर खत्म होने के बाद टाइगर बसाए गए थे। ठीक उसी तरह 10 साल के अंदर घड़ियालों को केन नदी में फिर से बसाने का लक्ष्य है।
जानकारी के मुताबिक, केन नदी में घड़ियालों के पुनर्स्थापना प्रोजेक्ट में अभी ड्रोन सर्वे में 10 घड़ियालों के केन नदी में होने का पता चला है। कटनी से लेकर यूपी के बांदा तक पूरी नदी का सर्वे किया जाना है। इसमें ड्रोन एआई के जरिए पानी के अंदर की फोटो लेने में सक्षम है। ये 7 किलोमीटर दूर जाकर चीजों को मॉनिटर करता है।