नई फसल की बुवाई के लिए किसानों को खेतों की जुताई के साथ ही खाद व बीज खरीदने के लिए रुपए की भी जरूरत है। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदारी शुरू नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरी में कम कीमत पर अनाज व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है। किसानों की मजबूरी का व्यापारियों द्वारा भरपूर फायदा उठाया जा रहा है।
प्रशासन चुनाव में व्यस्त, समस्याएं जस की तस समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदारी से संबंधित सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी समस्या है, जिससे किसानों को एसएमएस नहीं जा रहे थे। इसके साथ ही कुछ अन्य तकनीकी समस्याएं थी, जिससे ज्यादातर केंद्रों में अभी तक अनाज की खरीदारी शुरू नहीं हो पाई है, जबकि जिले में बीते करीब एक पखवाड़े से किसान उड़द और मूंग लेकर मंडियों में बेचने जा रहे हैं।
प्रशासन के चुनाव में व्यस्त हो जाने के कारण किसानों की समस्या की ओर समुचित ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। इसका खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बीज-खाद के लिए किसानों को रुपए की जरूरत
बुवाई का सीजन शुरू होने के कारण इन दिनों किसानों को खेतों की जुताई के साथ ही बीज और खाद खरीदने के लिए अभी रुपयों की जरूरत है। इसलिए मजबूरी में उन्हें व्यापारियों को ही अनाज बेचना पड़ रहा है। किसानों ने बताया, वे कई बार खरीदी केंद्र में जाकर पूछ चुके हैं लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं दी जाती है। अधिकारी भी ऑफिसों में नहीं मिलते हैं।
बता दिया जाता है कि चुनाव के कारण अधिकारी भ्रमण पर गए हैं। किसानों ने बताया कि बीते साल भावांतर में खरीदारी होने पर अनाज की कुल कीमत का आधा रुपया तुरंत आ जाता था, जबकि आधे रुपए एकाउंट में कुछ दिनों बाद आ जाते थे। इससे समस्या नहीं होती थी।
इस साल अभी तक अनाज की खरीदी शुरू नहीं होने से उनकी हालत खराब है। कलेक्टर मनोज खत्री के अनुसार जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 26 केंद्र बनाए गए हैं। 10 केंद्रों में खरीदी शुरू हो गई है। तकनीकी समस्या को हल किया जा रहा है। आगामी एक-दो दिन में सभी केंद्रों में खरीदी शुरू कर दी जाएगी।