कलेक्टर के खिलाफ एफआइआर की मांग संबंधी पत्र दो दिनों से सोशल मीडिया में घूमता हुआ प्रदेश के नेताओं और अधिकारियों तक पहुंच गया है, लेकिन कोतवाली नहीं पहुंचा है। टीआई अरविंद कुजूर ने बताया, शिकायती पत्र अभी तक नहीं पहुंचा है। आपूर्ति अधिकारी ने डाक से भेजा होगा। शिकायत पत्र कोतवाली पहुंचने के बाद एसपी द्वारा जांच अधिकारी तक भेजा जाएगा। मामला कलेक्टर का है। इसलिए जांच वरिष्ट अधिकारी को सौंपी जा सकती है। उन्होंने कहा, उनके द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ दिया गया आवेदन कोतवाली को मिल गया है। मामला जंाच में है। अभीतक कार्रवाई नहीं की गई ।
परिहार ने लिखा ‘ आप अपने कार्यालय में भाजपा नेता को एक -एक घंटे तक काफी पिलाते हैं। इससे अन्य लोगों को घंटों परेशानी होती है। कलेक्टर जैसे पद की गरिमा गिराकर काम कर रहे हैं। आपने अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया। आपके कृत्य से लज्जा आती है। आपका कृत्य कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी से किया गया विश्वासघात है। पन्ना जिले के दर्पण में अपने को देखें। आत्मज्ञान मिल जाएगा और आप निर्जीव इच्छाशक्ति को फिर से पुनर्जीवित करने का प्रयास कर सकेंगे। अनुरोध करना चाहता हूं, अपना स्थानांतरण पन्ना से दूसरे जिले के लिए करा लीजिए। जिससे अधिकारीगण बिना तनाव शासकीय काम कर सकें।’
खाद्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह से विवाद, कार्यप्रणाली पर उठाए गए सवाल और वायरल हुए पत्रों पर कलेक्टर खत्री ने कुछ भी कहने से मनाकर दिया है। उन्होंने चुप्पी साधकर विवाद से परे रहने की कोशिश की।
भूपेंद्र सिंह परिहार, जिला आपूर्ति अधिकारी