पन्ना टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघ के जन्मोत्सव मनाने की तैयारी में जुट गया है। जन्मोत्सव मड़ता स्थित कर्णावती प्रकृति व्याख्या केंद्र में शाम पांच बजे से मनाया जाएगा। गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व को वर्ष 2008 में बाघ विहीन घोषित कर दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर के नेतृत्व में यहां बाघों के संसार को दोबारा आबाद करने की दो चरणों वाली बाघ पुनस्र्थापन योजना शुरू की गई थी।
इसके तहत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बाघिन टी-1 को और कान्हा टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-2 को लाया गया था। इसी तरह से पेंच टाइगर रिजर्व से नर बाघ टी-३ को लाया गया था। इसके बाद 15-16 अप्रैल 2010 को बाघिन टी-1 ने अपने एकसाथ चार शावकों को जन्म दिया।
बाघिन को शावकों के साथ दिखने से पूरा पार्क खुशियों से झूम उठा। तभी से हर साल पन्ना टाइगर रिजर्व में 16 अप्रेल को बाघ का जन्म दिन मनाया जाने लगा। बाघ का जन्म दिन मनाने वाला पन्ना टाइगर रिजर्व प्रदेश का अकेला टाइगर रिजर्व है। इसीकरण से इस आयोजन का यहां अपना अलग ही महत्व है।
टी-3 है फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ के जन्मोत्सव को लेकर इन दिनों पर में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पन्ना में बाघों के उजड़े संसाद को दोबार आबाद करने में अहम भूमिका निभाने वाले इन दिन पार्क प्रबंधन हर साल बड़ा आयोजन करता रहा है। आयोजन के लिये इन दिनों लोगों को आमंत्रित करने का सिलसिला चल रहा है।
गौरतलब है कि इन दिनों पन्ना टाइगर रिजर्व में 45 से 50के करीब बाघ और शावक मैजूद हैं, जबकि पन्ना लैंड स्केप में बाघों की संख्या 65 से 70 तक होने का अनुमान है। बाघ टी-3 को द फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व का सम्मान प्राप्त है। यह बाघ अब बूढ़ा हो चुका है, लेकिन पर्यटकों के लिये यह अभी भी आकर्षण का केंद्र है। यह पन्ना टाइगर रिजर्व के सबसे चर्चित बाघों में से एक है।
पन्नर टाइगर रिजर्व में हर साल १६ अप्रेल को बाघ का जन्मोत्सव मनाए जाने की परंपरा है। इस साल भी इस आयोजन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। यह आयोजन मड़ला के कर्णावती प्रकृति व्याख्या केंद्र में आयोजित होगा।
केएस भदौरिया, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व
केएस भदौरिया, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व