scriptभवन में जहरीले कीड़े-मकोड़ों ने बनाया आशियाना, पेड़ के नीचे लग रही कक्षाएं | panna classes under tree due to the fear of collapsing school building | Patrika News

भवन में जहरीले कीड़े-मकोड़ों ने बनाया आशियाना, पेड़ के नीचे लग रही कक्षाएं

locationपन्नाPublished: Sep 21, 2018 02:25:07 pm

Submitted by:

suresh mishra

स्कूल प्रबंधन की जानकारी के बाद भी जिम्मेदार नहीं रहे सुध, कभी भी ढह सकता है प्राइमरी स्कूल भानपुर का जर्जर भवन, स्कूल के शौचालय में भी लगा रहता है ताला

panna classes under tree due to the fear of collapsing school building

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पन्ना। अजयगढ़ जनपद के प्राइमरी स्कूल भानपुर की दीवारों पर इतनी बड़ी-बड़ी दरार हैं कि जहरीले कीड़े-मकोड़ों ने अपना बसेरा बना लिया है। स्कूल भवन इस हालत में है कि कभी भी ढह सकता है। इस कारण शिक्षक स्कूल में कक्षाएं लगाने के बजाए खुले मैदान में पेड़ के नीचे लगा रहे हैं। बारिश होते ही स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है। स्कूल भवन की जर्जर हालत के कारण यहां पढऩे वाले करीब एक सैकड़ा छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है।
सरपंच द्वारा लिखित में मामले की जानकारी विभाग को दिए जाने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि प्राइमरी स्कूल भानपुर जन शिक्षा केंद्र बनहरीकला के अंतर्गत आता है। स्कूल भवन कई वर्ष पुराना है। यह बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। यहां बारिश होने पर पानी स्कूल भवन के अंदर आता है। ग्राम पंचायत कगरे का बारा की सरपंच लक्ष्मीबाई गौड़ ने बताया, ग्राम पंचायत में प्रस्ताव डलवाकर मामले की जानकारी विभाग और जनपद अधिकारियों को दी है पर समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
भवन निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं
स्कूल भवनों के निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने के कारण दर्जनों की संख्या में ऐसे स्कूल हैं जो बनने के साथ ही क्रेक हो गए हैं। 8-10 साल बाद इन भवनों में कक्षाएं लगाना खतरे से खाली नहीं है। अजयगढ़ जनपद क्षेत्र में ऐसे करीब आधा दर्जन स्कूल भवन हैं जहां कक्षाएं लगाना कभी भी खतरनाक हो सकता है। मामले की जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी होती है, लेकिन वे इस बात का इंतजार करते रहते हैं कि कोई अनहोनी हो।
शिक्षकों की भी कमी
स्कूल में करीब एक सैकड़ा छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में सिर्फ दो ही शिक्षक हैं। बताया गया कि पहले स्कूल में तीन शिक्षक थे, जिनमें से एक को माध्यमिक शाला में अध्यापन कार्य के लिए मुक्त कर दिया गया है। अब दो में से एक शिक्षक बैठकों और दस्तावेजों को बनाने में ही व्यस्त रहते हैं। एक शिक्षक के भरोसे पांच कक्षाओं का अध्ययापन कार्य चल रहा है। इससे स्कूल के शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षा के स्तर को लेकर संतुष्ट नहीं

अभिभावक भी शिक्षा के स्तर को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार स्कूल परिसर में शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन उसमें भी हमेशा ताला बंद रहता है। बताया गया कि स्कूल में सफाईकर्मी और स्वीपर की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां ताला बंद रखा जाता है। शौचालय के उपयोग के लिए पानी की व्यवस्था भी नहीं हैं।
ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पास करके स्कूल भवन की वस्तु स्थिति के संबंध में बीआरसी को जानकारी दी है। महिला होने के कारण अधिकारियों द्वारा मेरी बात नहीं सुनी जा रही है। शिक्षकों को सुरक्षा की दृष्टि से लोगों ने बाहर ही कक्षाएं लगाने के लिए कहा है।
लक्ष्मीबाई गौड़, सरपंच ग्राम पंचयत, कगरे का बारा
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