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महंगाई और बेरोजगारी पर किसी ने सराहा तो किसी ने कोसा सरकार को

locationपन्नाPublished: Nov 18, 2018 01:01:00 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

महंगाई और बेरोजगारी पर किसी ने सराहा तो किसी ने कोसा सरकार को

Inflation and unemployment

Inflation and unemployment

पन्ना। शहर के लोग बीती सरकार के कामकाज और आने वाली सरकार से क्या उम्मीद रखते हैंं, इसको जानने के लिए हमने पन्ना नगर के अजयगढ़ चौक से कलेक्ट्रेट चौराहा, पंचम सिंह चौराहा, गांधी चौक से कोतवाली तक पैदल सफर किया और राह में मिलने वालों, दुकानदारों आदि से बीती सरकार के अनुभव और अपेक्षाओं को लेकर चर्चा की।
यहां आठ स्थानों पर हर वर्ग के मतदाताओं से बातचीत की। हर वर्ग का अलग-अलग मुद्दा सामने आया। लोग रसोई गैस के सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल आदि की कीमतों को लेकर परेशान दिखे, तो अस्पतालों में दवाओं की सुविधा, तीर्थ दर्शन और बिजली के बिल आदि कम होने को लेकर संतुष्ट भी दिखे।
युवा बेरोजगारी की मार से थका-हारा नजर आया। नोटबंदी और जीएसटी के मार से प्रभावित व्यापारी असंतुष्ट दिखे। गांव से शहर आए किसानों ने भावांतर, सिंचाई के पानी, फसल बीमा और आवारा मवेशी की समस्या का रोना रोया।
कलेक्ट्रेट चौक: 100 मीटर चलने पर

यहां पर समोसे की दुकान लगाने वालो दीपेंद्र शर्मा ने बताया, जिले में उच्च शिक्षा की हालत बहुत ही खराब है। इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर कॉलेज नहीं हैं। मजबूरी में तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रों को पलायन करना पड़ता है। पढ़ भी लिए तो यहां रोजगार के साधन नहीं हैं। इससे रोजगार के लिए भी पलायन करना युवाओं की मजबूरी बन गया है।

गांधी चौक: 1000 मीटर चलने पर

चाय की दुकान में चुस्की ले रहे शैलेंद्र सिंह परमार और उनके दोस्तों ने बताया कि पन्ना के लिए रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य तीन बड़े मुद्दे हैं। अभी तक इनमें बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ है। रोजगार के अवसर को लेकर तो कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। इससे युवाओं की हालत सबसे ज्यादा खराब है। रेल आने के बाद जरूर कुछ राहत मिल सकती है।
बस स्टैंड: 1500 मी चलने पर

यहां बस का इंतजार कर रहे पन्ना के ही अनिल यादव ने बताया, जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत ही खराब है। यहां के लोग लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आए तो लोगों को सतना, कटनी और छतरपुर बार-बार नहीं भागना पड़ेगा। अभी तक नियमित सोनोग्राफी तक नहीं हो पा रही है। जिम्मेदार जानकर भी अनजान हैं।
कोतवाली चौराहा: 1700 मी. चलने पर

मोबाइल दुकान के संचालक अफसर अली ने बताया, पिछली सरकार ने रोड और लाइट की व्यवस्था तो ठीक कर दी थी, लेकिन रोजगार देने के लिए कोई काम नहीं किए। सरकार महंगाई पर भी कंट्रोल नहीं कर पाई। इससे लोगों को दैनिक उपयोग की सामग्री खरीदने में काफी परेशानी होती है। महंगाई के कारण निम्न आय वर्ग के लोग काफी परेशान हैं। इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
अजयगढ़ चौराहा: 50 मीटर चलने पर

अ जयगढ़ चौराहा से गुजर रहे वीरेंद्र यादव ने बताया पन्ना में अभी तक रेल नहीं आई है। लोगों के लिए रोजगार के साधन नहीं हैं। इससे यहां बेरोजगारी और पलायन बड़ी समस्या है। जो काम उपलब्ध भी है वहां डेढ़-दो हजार रुपए महीना मजदूरी दी जाती है। इतने कम मानदेय में कोई परिवार कैसे चला सकता है। युवाओं के लिए तो रोजगार ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
पंचम सिंह चौराहा: 200 मीटर चलने पर

हेयर कटिंग सैलून चलाने वाले भगवान दास सेन ने बताया, पन्ना का टूरिज्म से ही विकास हो सकता है। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिल सकता है। जिम्मेदारों को इस ओर प्राथमिकता के साथ ध्यान देना चाहिए। सरकार ने मंदिरों की नगरी पन्ना को पवित्र नगरी तो घोषित कर दिया, लेकिन इसका पवित्र नगरी की तरह विकास नहीं किया जा रहा है।
छत्रसाल चौक: 1800 मी. चलने पर

सीसीटीवी कैमरे की दुकान के संचालक रहीमुद्दीन ने बताया, पिछली सरकार ने काम ठीक किया है। रेत का अवैध उत्खनन जरूर नहीं रुक पाया है। अवैध उत्खनन रुक जाए तो लोगों को कम कीमत पर रेत मिलने लगे। अभी रेत के खेल में बड़े-बड़े लोगों के जुड़े होने के कारण लोगों को रेत महंगी मिल रही है, इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को घर बनाना अभी भी दूर का सपना ही लगता है।

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