मामले में मृतका के नवजात शिशु के शव परीक्षण और पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सलेहा थाने में आरोपी के खिलाफ ज्यादती सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पुलिस द्वारा पीडि़त और उसके माता-पिता के बयान दर्ज किए गए। मामले में पुलिस द्वारा मृत नवजात शिशु की फीमर बोन और पीडि़ता व आरोपी का एफएसएल सागर की डीएनए प्रिंटंग यूनिट में जांच कराई गई। डीएनए रिपोर्ट में यह बताया गया, पीडि़ता नवजात शिशु की जैविक माता है किन्तु आरोपी भूरी उर्फ कुंज बिहारी पांडेय नवजात शिशु का जैविक पिता नहीं है। इसी आधार पर थाना सलेहा के द्वारा प्रकरण में खात्मा प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें मामले को आगे बढ़ाने के लिये पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने के कारण खात्मा लगाने की अपील कोर्ट से की गई।
सलेहा पुलिस की ओर से पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट के के पूर्व कोर्ट में पीडिता के बयान हुए थे। उसके माता पिता के भी बयान लिए गए थे। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह द्वारा इनके बयान करवाये गए थे, जिसमें पीडिता के द्वारा आरोपी भूरी पाण्डेय के द्वारा बलात्कार किये जाने की बात बताई गई। पीडिता की मॉं तथा उसके पिता के द्वारा भी न्यायालय के समक्ष हुये कथन में आरोपी भूरी पांडेय के द्वारा उसकी पुत्री के साथ बलात्कार किए जाने की बात बताई है। पीडि़ता ने न्यायालय के समक्ष हुये कथन में यह भी बताया कि आरोपी ने उससे कहा था कि उसने डीएनए जाच के लिए लिए गए ब्लड सेंपल बदलवा दिया है और जब मैं न्यायालय कथन देने आ रही थी तब आरोपी अपनी बड़ी वाली कार में मिला और धमकी दिया की पन्ना ब्यान देने मत जाओं नहीं तो ट्रेक्टर चढ़वाकर तुम लोगों को खत्म कर देंगे और वह चाहती है कि ब्लड सेंपल की दोबारा जॉंच की जाये।
क्लोजर रिपोर्ट के अवलोकन करने के बाद विशेष न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा ने आदेश में यह लेख किया , कोई भी नाबालिक अविवाहित लड़की और उसके माता-पिता सील को दांव पर लगाकर बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में किसी को झूंठा नहीं फंसाना चाहेंगें। पीडि़ता ने खात्मा प्रतिवेदन पर अपने साक्ष्य में यह प्रकट किया है कि आरोपी के द्वारा पैसे तथा प्रभाव का इस्तेमाल करते हुये ब्लड सेंपल को बदलवा दिया गया है ।इन परिस्थितियों में डीएनए रिपोर्ट में नकारात्मक रिपोर्ट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने थाना सलेहा के द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुये केस डायरी में संलग्न दस्तावेजी साक्ष्य एवं पीडिता, उसके माता-पिता के कथनों के आधार पर आरोपी भूरी ऊर्फ कुंज बिहारी पांडेय के विरुद्ध धारा 376, 506 आईपीसी एवं 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया गया है।