इस अध्ययन में वर्ष 2014 में उच्च रक्तचाप से पीडि़त 380 लोगों को शामिल किया गया था। जब उन्हें इस अध्ययन में शमिल किया गया था, उस समय, उनमें से किसी को भी हृदय रोग या मधुमेह नहीं था। अध्ययन में शामिल लोगों में 74 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं थी,जिनकी उम्र 30-65 वर्ष के बीच की थी। इस अध्ययन में शामिल लोगों का 4 साल बाद फिर से साक्षात्कार किया गया और उनसे तनाव, सोने का समय और दिल के दौरे की घटनाओं के बारे में जानकारी ली गई।
डॉ. कपूर ने बताया कि 6 प्रतिशत लोगों में दिल के दौरे के मामले दर्ज किये गये। सिर्फ अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से तुलना करने पर उच्च रक्तचाप, तनाव और नींद की कमी वाले लोगों में हार्ट अटैक के मामले 4 गुना अधिक देखे गए। तनाव मुक्त लेकिन नींद की कमी वाले लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले 50 प्रतिशत अधिक पाये गये।
उच्च रक्तचाप हृदय रोग के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है क्योंकि जब रक्तचाप बढ़ जाता है, तो शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। उच्च रक्तचाप के साथ नींद की कमी और तनाव भी होने पर दिल का दौरा पडऩे का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। डॉ. कपूर ने बताया कि भारत में चार में से एक लोग उच्च रक्तचाप से पीडि़त है, और 50 प्रतिशत लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है।
क्या बरतें सावधानियां
–स्वास्थय जीवन शैली को अपनाएं
–नियमित व्यायाम करें
–तंबाकू के किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करना
–कम से कम सात घंटे की नींद लेना
–तनाव को नियंत्रित करना
–फलों का अधिक सेवन करना
–शराब का सीमित मात्रा में सेवन करना