आज (बुधवार को) विधानसभा में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन संशोधित विधेयक पेश किया। इन पांचों ही निगमों में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव भी इसी वजह से लटके हुए थे क्योंकि चुनकर आए मेयरों के पास वोट डालने के अधिकार नहीं थे। अब कानून में बदलाव के बाद इन निगमों के मेयर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में एक पार्षद की तरह वोट डाल सकेंगे। इससे पूर्व मेयर के चुनाव डायरेक्ट करवाने के लिए भी सरकार ने कानून में संशोधन किया था। इसके बाद अब जिस भी निगम के चुनाव होंगे तो वहां चुने जाने वाले मेयर को भी वोट डालने के अधिकार मिलेंगे।