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हरियाणा रोडवेज के लिए निजी बसें किराए पर लेने में 147 करोड रूपए सालाना का घोटाला:कांग्रेस

locationपानीपतPublished: Dec 25, 2018 08:53:09 pm

कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने रोडवेज के लिए निजी बसें किराए पर लेने का फैसला तो पहले किया और इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन बाद में किया…

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(चंडीगढ़,पानीपत): हरियाणा के पलवल से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री करण दलाल ने मंगलवार को यहां रोडवेज के लिए 510 निजी बसें किराए पर लेने के राज्य सरकार के फैसले में 147 करोड रूपए सालाना का घोटाला बताया। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का बडा मामला है और राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई कराने की मांग की गई है।

 

दलाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्होंने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में निजी बसें किराए पर लेने के मामले में दरों के बडे अंतर का खुलासा किया है। जहां पडौसी राज्य राजस्थान और पंजाब में रोडवेज के लिए किराए पर ली गई बसों का किराया जहां प्रति किलोमीटर अधिकतम 22 रूपए तक है वहीं हरियाणा रोडवेज के लिए किराए पर ली गई बसों का किराया प्रति किलोमीटर 38 रूपए तक बन रहा है। प्रति किलोमीटर महंगे बस किराए के अलावा अन्य प्रशासनिक और ढांचागत खर्च के साथ प्रति किलोमीटर यह खर्च 53 रूपए से अधिक बन रहा है।

 

उन्होंने कहा कि इतने महंगे किराए पर राज्य सरकार ने अपने चहेतों से बसें ली है। सीधे तौर पर यह भ्रष्टाचार का मामला है और उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई कराई जाना चाहिए। दलाल ने यह भी कहा कि इस मामले में सारे तथ्य रिकॉर्ड पर है और अगर राज्य सरकार को इसमें कुछ गलत दिखाई देता है तो वे मानहानि के मुकदमे का सामना करने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश में भ्रष्टाचार 51 फीसदी से घटकर 19 फीसदी रह जाने का दावा कर रहे है वहीं राज्य सरकार द्वारा ही भ्रष्टाचार किए जाने के मामले मौजूद है।

 

दलाल ने कहा कि राज्य सरकार रोडवेज को घाटे में लाने पर आमादा है। पहले ही सरकार द्वारा आयोजित समारोहों में लोगों को ले जाने के लिए रोडवेज बसें काम में ली जाती है और उनका किराया नहीं चुकाया जाता है। वहीं अब महंगे किराए पर निजी बसें रोडवेज पर थोपी जा रही है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को रोडवेज में मुफ्त यात्रा के पास जारी किए जा रहे है। सरकार ने रोडवेज के लिए निजी बसें किराए पर लेने का फैसला तो पहले किया और इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन बाद में किया।

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