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Anantnag encounter: तीन बहनों का था इकलौते भाई थे मेजर आशीष.. अगले महीने करने वाले थे नए घर में गृह प्रवेश

मेजर आशीष तीन बहनों के इकलौता भाई थे। वहीं उन्हें चार-पांच साल की एक बेटी है। उसके शहीद होने पर परिवार और गांव में शोक लहर दौड़ गई है।

पानीपतSep 14, 2023 / 05:27 pm

Satish Sharma

Anantnag encounter: तीन बहनों का था इकलौते भाई थे मेजर आशीष.. अगले महीने करने वाले थे नए घर में गृह प्रवेश

Anantnag encounter: तीन बहनों का था इकलौते भाई थे मेजर आशीष.. अगले महीने करने वाले थे नए घर में गृह प्रवेश

पानीपत. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के अनंतनाग में बुधवार को हुई मुठभेड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए तीन अफसर और एक जवान में मेजर आशीष धौंचक हरियाणा के पानीपत का लाल भी शामिल है। मेजर आशीष तीन बहनों के इकलौता भाई थे। वहीं उन्हें चार-पांच साल की एक बेटी है। उसके शहीद होने पर परिवार और गांव में शोक लहर दौड़ गई है।
परिजनों ने बताया कि शहीद मेजर आशीष धौंचक के पिता लालचंद सिंह चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। लालचंद एनएफएल से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके दूसरे चाचा दिलावर एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं और अब सेक्टर-18 में रहते हैं। दिलावर का एक बेटा भी सेना में मेजर है। तीसरे नंबर के बलवान बिंझौल गांव में रहते हैं और चौथे दिलबाग गुरुग्राम में रहते हैं। माता-पिता को सांत्वना देने वालों का घर पर तांता लगा रहा।
बताया जा रहा है कि शहीद मेजर आशीष की ससुराल जींद में है। वे मार्च में अपने साले की शादी में छुट्टी पर आए थे। इस दौरान अपने घर पर भी आए थे। उनका टीडीआई सिटी में मकान निर्माणाधीन है। अगले महीने मकान के मुहूर्त पर मेजर आशीष को छुट्टी पर आना था। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। सीएम ने एक्स पर लिखा कि “कश्मीर के अनंतनाग में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी मंसूबों को ध्वस्त करने में वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल मनप्रीत सिंह को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
कर्तव्य पथ पर आत्मबलिदान देकर उन्होंने सेवा का उच्च आदर्श प्रस्तुत किया है। संकट की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें।”

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