रायपुर व जैतारण के साथ सोजत के कई हिस्सों में मेघों ने जमकर पानी बरसाया। रायपुर क्षेत्र के लुनी व झिलमिल बांध छलक गए। इसी तरह फुलाद, कंटालिया, राजसागर चौपड़ा, जोगड़ावास प्रथम व द्वितीय व सरदारसमंद में पानी आने से भी मारवाड़ व सोजत क्षेत्र के गांवों को पानी दिया जा सकेगा।
वर्ष 2010 में लिया था खारड़ा से पानी
वर्ष 2010 में रोहट क्षेत्र में जल संकट (
WATER CRISIS) गहराया था। उस समय खारड़ा बांध से पानी लिया गया था। इस बांध के नजदीक ही जलदाय विभाग की पाइप लाइन है। वहां से सिस्टम बनाकर पानी को पहले रोहट व इसके बाद पाइप लाइन के माध्यम से पाली तक लाया जा सकता है।
हेमावास से मंडली तालाब में लिया पानी हेमावास बांध में रविवार को पानी आया था। इस बांध में रिसाव की समस्या है। ऐसे में पानी निकल जाता है। इस कारण जलदाय विभाग ने सोमवार शाम सवा पांच बजे से इस पानी को मंडली तालाब में लेना शुरू कर दिया। जिससे उसका उपयोग पाली शहर में पेयजल के रूप में किया जा सके।
अभी पानी लेने की स्थिति नहीं
वाटर ट्रेन (WATER TRAIN) के ट्रेक के पास बरसात के कारण पानी भर गया है। इस कारण उसे दो दिन के लिए बंद कर दिया है। पाली के लिए हेमावास व लोर्डिया का पानी उपयोग में लेंगे। खारड़ा का पानी आपातकाल की स्थिति में काम में लिया जाएगा।
राजेश अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, पाली
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ऐसे समझें पानी आपूर्ति का सिस्टम -10.50 फीट भराव क्षमता वाले लोर्डिया में अभी 6.50 फीट गेज के साथ 9.58 एमसीएफटी पानी है। इसे पाली शहर के लिए कम से कम आठ से दस दिन तक उपयोग में ले सकते है।
-हेमावास बांध में 59 एमसीएफटी पानी है। इसे करीब आठ-दस दिन उपयोग में लिया जा सकता है।
-पाली सिटी टैंक का गेज बरसात के कारण 7 फीट हो गया है। इससे पाली शहर में सात दिन तक जलापूर्ति की जा सकती है।
-खारड़ा बांध से रोहट में करीब छह माह तक और पाली शहर को शामिल करने पर इसके 227.54 एमसीएफटी पानी का उपयोग तीन से साढ़े तीन माह तक किया जा सकता है।