पहली बार पाली में निकाली गई इस शोभायात्रा में कमल किशोर गोयल, सुरेश सर्राफ , रमेश गोयल, परमेश्वर जोशी, ग्राम सहायक मोहन पाटनेचा, पुखराज पोरवाल, धर्मेंद्र जैन, परशुराम टवानी, नरदेव आर्य, शंकर भासा, सीताराम जोशी ने सहयोग किया था। उस समय शोभायात्रा पर महज पांच हजार रुपए खर्च आया था और सिर्फ 300 लोग शामिल हुए थे। जबकि आज संख्या हजारों में पहुंच गई है।
पांच जगह किया गया था स्वागत
पहली बार निकाली प्रभु राम की सवारी का शहर में पांच जगह पर स्वागत किया गया था। इसके बाद स्वागत करने वालों की संख्या में बढ़ती गई। मुस्लिम समाज की ओर से प्रभु राम की सवारी का स्वागत कर सौहार्द का संदेश दिया जाता है।
पिछले वर्ष शामिल थी 103 झांकियां
इस शोभायात्रा के प्रति लोगों का आकर्षण और उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि पिछले वर्ष शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यहीं कारण था कि शोभायात्रा के आगे का हिस्सा धानमंडी चौक में तो पिछला सर्राफा बाजार में था। इसमें स्कूलों व समाजों से 103 झांकियां शामिल की गई थी।
वाहन रैली से दिया शोभायात्रा में आने का न्योता
पाली। शहरवासियों को रामनवमी पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा में शामिल होने का न्योता देने के लिए आर्यवीर दल, बजरंग दल, शिवसेना, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा व गोपुत्र सेना की ओर से वाहन रैली निकाली गई। इसमें हर आयु वर्ग के लोग वाहनों पर भगवा ध्वज लहराते व जय श्री राम का उद्घोष करते आगे बढ़े।
वाहन रैली शहर के अलग-अलग स्थलों से रवाना हुई। इनमें प्रथम रैली बजरंग दल की ओर से गुडलाई मार्ग, दूसरी गोपुत्र सेना की ओर से खेतारामजी की प्याऊ, तीसरी आर्य वीर दल की ओर से शिवाजी नगर तथा चौथी शिवसेना की ओर से शिवाजी सर्कल नहर से शुरू हुई। ये सभी विभिन्न मार्गों से होते हुए सूरजपोल पहुंची। जहां सभी रैलियों का संगम हो गया। वहां से रैली में शामिल वाहन चालक मुख्य बाजार से होते हुए दशनाम गोश्वामी समाज भवन पहुंचे। जहां रैली का समापन हुआ। रैली में प्रान्त संयोजक किशन प्रजापत, जिला संयोजक अनिल चौहान, अनिल सोनी, नगर संयोजक बलवीर सीरवी, प्रवीण सोनी, सीपी वागोरिया, संदीप शर्मा, प्रवीण प्रजापत, गोपुत्र सेना के नगर अध्यक्ष धनराज प्रजापति, कालूराम, ज्ञानेश प्रजापत, शिवसेना के तखतसिंह सोलंकी, सोहनसिंह राव, आर्य वीर दल के हनुमान आर्य, गणपत भदोरिया व राकेश गहलोत आदि शामिल थे।