script

22 साल पुराने मामले में बर्खास्त आइपीएस भट्ट रिमांंड पर

locationपालीPublished: Sep 12, 2018 10:49:57 am

Submitted by:

rajendra denok

– एनडीपीएस का मामला: 22 साल पुराने मामले में हुई थी गिरफ्तारी
– निचली अदालत ने खारिज की थी रिमांड याचिका

Sacked IPS Bhatt on remand in 22-year-old case

22 साल पुराने मामले में बर्खास्त आइपीएस भट्ट रिमांंड पर

पाली । उच्च न्यायालय ने 22 वर्ष पुराने एनडीपीएस के एक फर्जी मामले में गिरफ्तार बर्खास्त आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट व एलसीबी के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक आइबी व्यास को दस दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील मितेश अमीन ने दलील दी कि इस मामले में उचित तरीके से जांच व पूछताछ
करने के लिए आरोपियों के रिमांड की जरूरत है।
उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में आगे की जांच का आदेश दिया है। जबकि निचली अदालत ने रिमांड की याचिका मंजूर नहीं की। इसलिए इस मामले में दोनों आरोपियों के लिए 14 दिनों की रिमांड मंजूर की जाए। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि राजस्थान व पालनपुर का मामला अलग-अलग है। इधर, भट्ट की ओर से दलील दी गई कि राजस्थान व पालनपुर का मामला एक ही है। इस प्रकरण में आरोपपत्र भी पेश किया जा चुका है। इसलिए रिमांड की आवश्यकता नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने भट्ट व व्यास को दस दिनों के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। न्यायालय के अनुसार दोनों आरोपी 12 से 21 सितम्बर तक रिमांड अवधि पर रहेंगे। सीआइडी क्राइम ने इस मामले में गत 5 सितम्बर को भट्ट तथा बनासकांठा पुलिस की एलसीबी के निरीक्षक आई बी व्यास को गिरफ्तार किया था। अगले दिन आरोपी अधिकारी को रिमाण्ड के लिए अदालत में पेश किया गया था। लेकिन स्थानीय अदालत ने जांच एजेंसी की रिमाण्ड याचिका खारिज करते हुए भट्ट सहित दोनों को पालनपुर सब जेल भेजने का आदेश दिया था।
यह है मामला
सीआइडी क्राइम ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर 30 अप्रेल 1996 को पालनपुर थाने में दर्ज एनडीपीएस के फर्जी मामले में भट्ट को गिरफ्तार किया था। भट्ट बनासकांठा पुलिस अधीक्षक थे। पाली के वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित की ओर से वर्ष 1998 में दायर याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में फैसला सुनाते हुए सीआइडी क्राइम से विशेष जांच दल एसआइटी गठित कर तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा था। जांच के दौरान सामने आया कि एसपी संजीव भट्ट ने राजस्थान के पाली जिले के वद्र्धमान मार्केट स्थित एक दुकान को खाली कराने के लिए तत्कालीन दुकान के कब्जाधारक पाली में बापूनगर निवासी वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित पर एनडीपीएस का फर्जी केस पालनपुर थाने में 30 अप्रेल 1996 को दर्ज किया था। इस मामले में सुमेर सिंह की कुछ दिनों बाद ही गिरफ्तारी भी की थी। 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार की ओर से बर्खास्त किया जा चुका है।

ट्रेंडिंग वीडियो