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पेड़ों की रक्षा के लिए पाली वासियों ने उठाया ये कदम

locationपालीPublished: Jul 20, 2019 10:01:03 pm

Submitted by:

Rajeev Rajeev Dave

Protect trees in pali : हिन्दू सेवा मण्डल के पंचायत समिति के सामने स्थित श्मशान में बनाया गैस आधारित शवदाह गृह, लकड़ी के बजाय गैस से कर सकेंगे शव दाह

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पेड़ों की रक्षा के लिए पाली वासियों ने उठाया ये कदम

Protect trees in pali : पाली। पेड़ों की कटाई से पर्यावरण ( Environment ) को होने वाले नुकसान और जीव दया का भाव लेकर हिन्दू सेवा मण्डल ने नया कदम उठाया है। उन्होंने पंचायत समिति के सामने स्थित श्मशान में गैस पर आधारित नए शवदाह गृह का निर्माण कराया है। इसमें लकड़ी की जरूरत नहीं होगी। साथ ही शवदाह में लगने वाला समय घट कर करीब एक घंटे का ही रह जाएगा।
हिन्दू सेवा मण्डल के इस श्मशान में अब तक लकडिय़ों के माध्यम से ही शवों का दाह संस्कार किया जाता था। इस तरह दाह संस्कार करने में लकड़ी की अधिक जरूरत रहती है। इसी को कम करने के लिए सेवा मण्डल, नगर परिषद और मांगीलाल गांधी की ओर से गैस आधारित शवदाह गृह बनवाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया। मांगीलाल गांधी व हिन्दू सेवा मण्डल ने 15 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया गया। जिसमें मण्डल, नगर परिषद तथा मांगीलाल गांधी, बसंतीदेवी गांधी, महेन्द्र-आशा गांधी, कुणाल व गौरी गांधी परिवार ने तेजीबाई पत्नी देवीचंद गांधी की स्मृति में 23 लाख रुपए की लागत से गैस आधारित सयंत्र लगवाया गया है।
अभी नहीं ली जाएगी राशि
गैस आधारित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करने में करीब एक व्यावसायिक गैस सिलेण्डर (Gas cylinder) की जरूरत होगी। मण्डल की ओर से लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अभी इसके अंतिम संस्कार करने पर किसी तरह की राशि नहीं ली जाएगी।
आज शाम करेंगे लोकार्पण
गैस आधारित शवदाह गृह का लोकार्पण (opening) समारोह रविवार शाम पांच बजे पंचायत समिति के सामने स्थित श्मशान में किया जाएगा। सचिव अर्जुन मेहता ने बताया कि लोकार्पण वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई करेंगे। मुख्य अतिथ विधायक ज्ञानचंद पारख, विशिष्ट अतिथि सुनील परिहार, पूर्व नगर परिषद सभापति मांगीलाल गांधी, उप सभापति मूलसिंह भाटी, पार्षद जितेन्द्र व्यास, सुनीता आदिवाल होंगे। अध्यक्षता नगर परिषद सभापति महेन्द्र बोहरा करेंगे।
पेड़ों के संरक्षण की चाह
गैस आधारित गैस शवदाह (crematorium) गृह बनाने के पीछे मंशा पेड़ों को कटने से बचाना है। इसके अलावा लकड़ी में कई जीव होते है। उनके प्रति दया का भाव भी इसमें समाया हुआ है। इस यंत्र से शवदाह करने पर पौन से एक घंटे का ही समय लगेगा।
शंभुलाल शर्मा, अध्यक्ष, हिन्दू सेवा मण्डल

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