जैतारण के निकट स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 112 व 458 पर अक्सर दुर्घटनाएं होती है, लेकिन मरीजों को यहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद रेफर करने के अलावा कोई चारा नहीं।
जैतारण चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मशीन आए सात वर्ष बीत गए है, लेकिन चिकित्सालय मे रेडियोलोजिस्ट के अभाव में सोनोग्राफी मशीन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। हालांकि इस मशीन को चलाने के लिए गायनिक डॉ.नवीन सोनी को अधिकृत किया है। लेकिन कार्य शुरू नहीं होने के कारण मरीजों को सोनोग्राफी के लिए सोजत, पाली, ब्यावर व बिलाड़ा जाना पड़ रहा है। इससे मरीजों के समय पर उपचार में बाधा उत्पन्न हो रही है।
जैतारण चिकित्सालय से एमओ डॉ. महेंद्र राठी को सीनियर सर्जन के पद पर पाली मेडिकल कॉलेज में लगाया है। सोनोग्राफी शुरू करवाने के लिए गायनिक डॉ. नवीन सोनी को अधिकृत किया है। कार्रवाई जारी है। चिकित्सालय में अब तक 50 बेड की सुविधाएं हैं। 75 बेड के पद अभी तक स्वीकृत नहीं हुए हैं। चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के पद कम है। उच्चाधिकारियों को सूचना भेजी गई है। – डॉ.एसपी मीणा, प्रभारी, राजकीय रेफरल चिकित्सालय जैतारण