जलापूर्ति में लापरवाही का आलम यह है कि दस मिनट के लिए आपूर्ति में पर्याप्त दबाव से नहीं की जा रही है। कई बार मनमाने दामों पर पानी के टैंकर डलवाने पड़ते हैं। कई ग्रामीण निजी स्तर पर कुंओं से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है पानी की कमी से घर में दूसरे सारे कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पानी की व्यवस्था नहीं होने पर दिनभर घर में तो कोहराम होता ही है। बस्तियों में पानी के चलते सिर फुटौव्वल की स्थिति बन रही है। परेशान ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी के नाम गांव की सरपंच कुसुम राठौड़ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है गांव में पानी पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद अत्यल्प और कम दबाव से आपूर्ति की जा रही है। उच्चाधिकारियों को शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ज्ञापन में बताया कि कुछ समय पहले गांव में एकांतरे जलापूर्ति हो रही थी। विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में तीन पेयजल सप्लाई के तीन मोटरें लगी हुई है। पेयजल पर्याप्त मात्रा में होने पर भी तीन दिन में न्यूनतम दबाब से दस मिनट की सप्लाई की जा रही है। इस पर सरंपच ने तत्काल उपखण्ड अधिकारी से फोन पर बात की और समस्या समाधान की मांग की है।
कामकाज हो रहे प्रभावित गांव में तीन दिन में दस मिनट के लिए पानी आ रहा है। इससे घर के सारे कार्य प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी में पानी की किल्लत ने जीना मुहाल कर दिया है।
– प्रहलाद सिंह, ग्रामीण
निजी स्तर पर करते व्यवस्था
– प्रहलाद सिंह, ग्रामीण
निजी स्तर पर करते व्यवस्था
गर्मी में पेयजल संकट से लोगों को खासी परेशानी हो रही है। लोगों को निजी स्तर पर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। तीन बाद पेयल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
– श्रवण दास, ग्रामीण ग्रामीणों में रोष उपखण्ड अधिकारी के साथ जलदाय के अधिकारियों को अवगत कराया। इसके बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों में रोष है।
कुसुम राठौड़, सरपंच, राणावास