गांव का स्वाभिमान मां सुगाली की प्रतिमा भी आऊवा पैनोरमा में पहुंची। लखावत ने बताया कि गुह्यकालीन तंत्र में इस मूर्ति का विस्तार दिया हुआ है। ब्रिटिश जो मूर्ति उखाड़ कर ले गए उसे भी खंडित कर दिया गया था। अब हूबहू मां सुगाली की प्रतिमा जिसके 10 मस्तक 54 भुजा है वह भी आऊवा पहुंच चुकी है।
पेरोनमा में ब्रिटिश सरकार द्वारा मात्र दो दिन की न्यायिक प्रक्रिया पुरी कर क्रान्तिकारियो को बंदूकों से मौत के घाट उतार दिया उन स्वन्त्र सेनानियों की प्रतिमा भी आऊवा पैनोरमा में स्थापित की जा चुकी है।
मेला चौक में बन रहा 1857 की क्रांति का पैनोरमा में आऊवा के इतिहास के साथ पूरे राजस्थान की क्रांति का भी सचित्र वर्णन किया जाएगा। जिसके लिए पेशवा, रानी लक्ष्मीबाई व तात्या टोपे का इतिहास भी पैनोरमा में नजर आएगा।