राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के पाली जिला महामंत्री बद्रीलाल जोशी ने बताया कि श्रम संगठनों द्वारा लिखकर देने के बावजूद उम्मेद मिल प्रबंधन उनकी बिना सहमति के भारतीय मजदूर संघ के पक्ष में चंदा कटौती कर रहा है। इसके साथ ही 12 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से मिल के करीब तीन हजार श्रमिक हड़ताल पर है। शुक्रवार को भी मिल परिसर में शांतिपूर्वक धरना दिया। हड़ताल के चलते मिल में किसी तरह का कोई काम-काज नहीं हो पाया। मामले में एसडीएम ने मजदूर संगठनों की मांगों को लेकर समझाइश की लेकिन बात नहीं बनी। इस दौरान श्रवण बंजारा, जगदीश बंजारा, नारायण लौहार, मुकेश बंजारा, मेहबूब खान सहित कई श्रमिक नेता व श्रमिक हड़ताल पर रहे।
15 हजार लोग जुड़े है मिल से
करीब तीन हजार मजदूर मिल में काम करते है। जिनमें से ज्यादातर अन्य राज्यों से है। इन तीन हजार मजदूरों के हड़ताल पर रहने से उनके परिवार पर भी असर पड़ेगा। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 15 हजार लोग मिल से जुड़े है।
करीब तीन हजार मजदूर मिल में काम करते है। जिनमें से ज्यादातर अन्य राज्यों से है। इन तीन हजार मजदूरों के हड़ताल पर रहने से उनके परिवार पर भी असर पड़ेगा। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 15 हजार लोग मिल से जुड़े है।
अंदर की बात : श्रम संगठनों की आपसी खींचतान
भारतीय मजदूर संघ व राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस संगठन दोनों अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखते है। राज्य में सत्ता बदलते ही उस पक्ष के संगठन के पदाधिकारी सचेत हो गए और भारतीय मजदूर संघ के पक्ष में जो चंदा काटा जा रहा है। उसके विरोध में उतर गए।
भारतीय मजदूर संघ व राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस संगठन दोनों अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखते है। राज्य में सत्ता बदलते ही उस पक्ष के संगठन के पदाधिकारी सचेत हो गए और भारतीय मजदूर संघ के पक्ष में जो चंदा काटा जा रहा है। उसके विरोध में उतर गए।
यह है प्रमुख मांगें
– श्रमिकों से जबरन चंदा वसूलना बंद हो।
– मशीनों पर फीटर की शिफ्ट 6.30 बजे से 3 बजे तक की जाए।
– हड़ताल पर रहने वाले सभी श्रमिकों का वेतन भुगतान किया जाए।
– श्रमिकों से जबरन चंदा वसूलना बंद हो।
– मशीनों पर फीटर की शिफ्ट 6.30 बजे से 3 बजे तक की जाए।
– हड़ताल पर रहने वाले सभी श्रमिकों का वेतन भुगतान किया जाए।