जिले के दयालपुरा स्थित राजकीय संस्कृत प्रवेशिका स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इस स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था छात्राएं स्वयं करती है। वही स्कूल में दसवीं तक होने के बावजूद भी तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। बारिश के दिनों में स्कूल की छत भी टपकती है,वहीं बारिश के दिनों में पूरे गांव का पानी भी परिसर में जमा हो जाता है।
जिले के दयालपुरा स्थित राजकीय संस्कृत प्रवेशिका स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इस स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था छात्राएं स्वयं करती है। वही स्कूल में दसवीं तक होने के बावजूद भी तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। बारिश के दिनों में स्कूल की छत भी टपकती है,वहीं बारिश के दिनों में पूरे गांव का पानी भी परिसर में जमा हो जाता है।
जिले के दयालपुरा स्थित राजकीय संस्कृत प्रवेशिका स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इस स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था छात्राएं स्वयं करती है। वही स्कूल में दसवीं तक होने के बावजूद भी तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। बारिश के दिनों में स्कूल की छत भी टपकती है,वहीं बारिश के दिनों में पूरे गांव का पानी भी परिसर में जमा हो जाता है।
जिले के दयालपुरा स्थित राजकीय संस्कृत प्रवेशिका स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इस स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था छात्राएं स्वयं करती है। वही स्कूल में दसवीं तक होने के बावजूद भी तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। बारिश के दिनों में स्कूल की छत भी टपकती है,वहीं बारिश के दिनों में पूरे गांव का पानी भी परिसर में जमा हो जाता है।