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पाली

अब यहां की वादियों में फिर से गूंजेगी बाघ की दहाड़

– कुम्भलगढ़ टाइगर प्रोजेक्ट को राज्य सरकार की सैद्धान्तिक मंजूरी : प्रस्ताव पर हो रहा काम
Kumbhalgarh Tiger Project gets state government approval : – विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पत्र पर मुख्यमंत्री ने मुख्य वनसंरक्षक को दिए आदेश

पालीAug 31, 2019 / 03:08 pm

Suresh Hemnani

अब यहां की वादियों में फिर से गूंजेगी बाघ की दहाड़

अब यहां की वादियों में फिर से गूंजेगी बाघ की दहाड़

पाली/सादड़ी। वह दिन दूर नहीं जब कुम्भलगढ़ की वादियों में फिर से बाघ की दहाड़ गूंजेगी। लम्बे समय से प्रस्तावित कुम्भलगढ़ नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व को राज्य सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। ये प्रदेश की चौथी टाइगर रिजर्व सेंचुरी होगी। 462 वर्ग किमी दायरे में प्रस्तावित नेशनल पार्क में कुम्भलगढ़ व रावली टाडगढ़ अभयारण्य शामिल किया जाएगा।
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया था, जिसमें प्रस्तावित कुम्भलगढ़ नेशनल पार्क को वन्य जीवों के लिए महफूज बताया। इसमें बताया गया कि कुम्भलगढ़ व टाडगढ़ रावली अभयारण्य 1970 से पूर्व बाघों की प्राकृतिक शरणस्थली रहा हैं। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आठ जुलाई को इस प्रोजेक्ट पर शीघ्र कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रमुख शासन सचिव व वन विभाग के मुख्य संरक्षक को निर्देश दिए थे। साथ ही रिपोर्ट भी मांगी है। उनके दखल के बाद छह अगस्त को वनविभाग से राजसमंद मुख्यालय आदेश पहुंचा, जिसमें सात प्रमुख बिन्दुओं पर प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने को कहा है।
यह है सात बिंदुओं का प्रस्ताव
मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव उदयपुर ने राजसमंद डीएफओ को बाघ संरक्षित क्षेत्र के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। इसमें बाघ संरक्षित क्षेत्र के लिए लोकेशन, संरक्षित किए जाने वाले क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, क्षेत्र का नक्शा, अनुमानित व्यय राशि, संरक्षण क्षेत्र के लिए प्रस्तावित क्षेत्र तथा क्षेत्रफल की जानकारी मांगी है। वन विभाग इस पर कार्य करने में जुटा हुआ है। विभाग से यह प्रस्ताव तैयार होते ही सरकार को भिजवाया जाएगा।
इन वन्यजीवों की हैं बहुतायत
कुम्भलगढ़ व रावली टाडगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में 12 से अधिक प्रजाति के मांसाहारी तथा 20 से अधिक शाकाहारी प्रजाति के वन्यजीवों की बहुलता है। इनमें पैन्थर, भालू, सियार, जरख, लोमड़ी, भेडिय़ा, बिल्ली, बिज्जु, नेवला साधारण, नेवला काली पूछ, भारतीय लोमड़ी आदि है। इसके साथ ही शाकाहारी प्रजाति में सेही, साम्भर, चौसिंगा, चिन्कारा, नीलगाय, जंगली सूअर, लंगूर, खरगोश आदि की बहुलता है।
पर्यटन व रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
कुम्भलगढ़ अभयारण्य के मेवाड़, मारवाड़ व गोडवाड़ क्षेत्र में बाघ पुनर्वास संरक्षित क्षेत्र निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। यदि सरकार की हरी झंडी मिल जाती है तो कुम्भलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय व रोजगार के स्त्रोत विकसित होंगे। -यादवेन्द्रसिंह चूण्डावत, सहायक वन संरक्षक, कुम्भलगढ़ अभयारण्य, सादड़ी
आदेश की पालना में तैयार कर रहे प्रस्ताव
मारवाड़-मेवाड़ की सीमा में प्रस्तावित कुम्भलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बाघ संरक्षित क्षेत्र बनाने को लेकर प्रस्ताव तैयार करने के आदेश मिले हैं। सात बिन्दुओं को शामिल कर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। -फतेहसिंह राठौड़, डीएफओ, राजसमंद
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