ग्रामीणों की ओर से सूचना देने पर हम बेसहारा मवेशियों को गोशाला ले आते है। वहां भी इन मवेशियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
यूसुफ पठान, व्यवस्थापक, मानदेवसूरि गोशाला बेसहारा पशुओं का आतंक
मांडा. आसपास के गांव के बस स्टैंड पर सुबह से लेकर शाम तक बेसहारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। कई बार ये पशु दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। ग्रामीणों का कहना कि मांडा ग्राम में दो बड़ी गौशाला है, लेकिन वे भी गायों लेना नहीं चाहती। एेसे में ये सडक़ों पर हादसों का सबब बन रहीं है। न तो ग्राम पंचायत ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन। लोगों का कहना है कि गाएं दूध देती है, तब तक सभी घरों में रखते हैं। इसके बाद वे भी सडक़ों पर छोड़ देते हैं। सडक़ों पर कई बार मवेशियों के लडऩे से लोग चोटिल हो रहे हैं