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Drinking water crisis : शहर में आज से चार दिन के अंतराल से हो जाएगी जलापूर्ति, बचानी होगी बूंद-बूंद

locationपालीPublished: Jul 16, 2019 02:14:10 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

जवाई में अब महज 10 एमसीएफटी पानी लाइव स्टोरेज में-जलदाय विभाग ने रोहट को छोड़ जिले में अन्य जगह खुदवाएं कुएं और नलकूप

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पाली। पश्चिमी राजस्थान का मरुसागर जवाई बांध वर्ष 2017 में अपनी पूरी भराव क्षमता करीब 62 फीट को छू गया था। लेकिन, वर्तमान में इसमें महज 4.60 फीट पानी ही शेष है। जिले में जल का महासंकट गहराता जा रहा है। अब जलदाय विभाग को उन कुओं की याद आई है जिनको जवाई में पानी आने के कारण उपेक्षित छोड़ दिया गया था। उन कुओं को गहरा करवाकर और धरती के सीने से ट्यूबवेल के माध्यम से पानी निकालकर जिलेवासियों की प्यास बुझाने का जतन शुरू किया है। जिन 9 शहरों में जवाई से जलापूर्ति करने की बात कही जा रही है। वहां भी अब जवाई के पानी में स्थानीय जलस्रोतों का पानी मिलाकर आपूर्ति किया जाने लगा है।
सोजत शहर के लिए खोदे चार कुएं
सोजत सिटी के लिए चार कुएं घेनधड़ी गांव में खोदे गए है। इन कुओं से रोजाना 8 लाख लीटर पानी निकालना शुरू कर उसे जवाई के पानी में मिलाया जा रहा है। यहीं पानी शहर में आपूर्ति किया जा रहा है। दूसरी तरफ शिवपुरा क्षेत्र के 54 गांव ऐसे है जहां कोई स्थानीय जलस्रोत नहीं है। वहां अब टैंकरों से पानी भेजने की तैयारी की जा रही है।
जैतारण में पांच नलकूप
जैतारण शहर के लिए पांच नलकूप बांझाकुड़ी में और तीन शहर में ही खोदे गए है। इन कुओं से दस लाख लीटर पानी रोजाना निकाला जा रहा है। जिसे जवाई के पानी में मिलाकर गांवों में आपूर्ति करना शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य गांवों में स्थानीय स्रोत ही प्यास बुझाएंगे।
रायपुर में नहीं परेशानी
जिले में रायपुर ऐसा क्षेत्र है जहां पानी की अधिक परेशानी नहीं आने वाली है। इसका कारण यह है कि रायपुर लुनी बांध के नीचे की तरफ कुएं बने हुए है। इन कुओं में अभी तक करीब चार-पांच माह का पानी है।
गोडवाड़ में 328 गांव
गोडवाड़ क्षेत्र में 328 गांव है। जो बाली, फालना, सादड़ी, रानी व सुमेरपुर में है। यहां के गांवों व शहरों में जलापूर्ति के लिए 24 नए ट्यूबवेल खोदे गए है। उनसे 10 लाख लीटर पानी निकाला जा रहा है। इसके अलावा 15 ओपलवेल को तैयार किया गया है। जो पहले उपयोग में आते रहे है। इसके साथ ही 1 नए कुएं भी खोदे गए है।
पाली में 10 ट्यूबवेल बनाए
पाली शहर व आस-पास के गांवों के लिए 10 नए ट्यूबवेल बनाए गए है। इसके अलावा 6 अन्य ट्यूबवेल भी तैयार किए गए है। इन प्रत्येक ट्यूबवेल से 50 हजार लीटर पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। रोहट क्षेत्र में भूजल पीने योग्य नहीं होने के कारण वहां टैंकरों से ही जलापूर्ति की जाएगी।
मारवाड़ में 173 जलस्रोत
मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में जवाई का पानी जाते अधिक समय नहीं हुआ है। इस कारण वहां के 173 जलस्रोत अभी उपयोग में लिए जा रहे है। वहां खारा व मीठा पानी मिलाकर आपूर्ति की जानी है। क्षेत्र के 41 गांव ऐसे भी है जहां के ग्रामीण सिर्फ हैण्डपम्प व कुओं पर ही निर्भर रहेंगे।
जलापूर्ति करवा दी शुरू
गांवों में स्थानीय जलस्रोतों से पानी की आपूर्ति शुरू करवा दी है। शहरों में स्थानीय व जवाई के पानी को मिलाकर जलापूर्ति करवाई जा रही है। जलापूर्ति में परेशानी नहीं आए। इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। -दिनेश पुरोहित, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, पाली
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