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‘तुगलकी’ फरमान के कारण पहुंचे स्कूल, फिर बच्चों व शिक्षकों ने नहीं रखा अवकाश

locationपालीPublished: Aug 24, 2019 02:12:05 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-सरकार के देर रात शुक्रवार को जन्माष्टमी का अवकाश घोषित करने से हुई परेशानी-अधिकांश निजी स्कूल संचालकों ने नहीं रखा अवकाश

‘तुगलकी’ फरमान के कारण पहुंचे स्कूल, फिर बच्चों व शिक्षकों ने नहीं रखा अवकाश

‘तुगलकी’ फरमान के कारण पहुंचे स्कूल, फिर बच्चों व शिक्षकों ने नहीं रखा अवकाश

पाली। राजस्थान सरकार ने गुरुवार रात जन्माष्टमी का अवकाश शनिवार के बजाय शुक्रवार को रखने का आदेश जारी किया। इसे अभिभावकों व शिक्षकों ने तुगलकी फरमान बताते हुए नाराजगी जताई। इस आदेश की जानकारी नहीं होने के कारण जिले के अधिकांश निजी स्कूल सामान्य दिनों की तरफ संचालित हुए। वहीं कई सरकारी स्कूलों में भी अध्यापक व बच्चे समय पर स्कूल पहुंचे ओर जब उनको पता लगा अवकाश घोषित हो चुका है तो वे घर लौटे। अवकाश के बारे में शिक्षकों ने उन कर्मचारियों पर आरोप लगाया जिनको शनिवार का अवकाश मिलता है। शिक्षकों का कहना था कि हमारे यहां तो जन्माष्टमी शनिवार को मनाई जानी है। ऐसे में तीन छुट्टी के लालच में एक दिन पहले तुगलकी आदेश से अवकाश घोषित करवा दिया गया।
दूर से पहुंचे बच्चे
स्कूल शिक्षा परिवार के जिला प्रभारी जयशंकर त्रिवेदी ने बताया कि बच्चों को बाल वाहिनी चालक छोडकऱ चले गए। ऐसे में उनको घर भेजना संभव नहीं था। कई बच्चों के अभिभावकों ने शनिवार को जन्माष्टमी पर बच्चों को नहीं भेजने का कहकर अवकाश नहीं रखने तक को कह दिया। ऐसे में स्कूलों का संचालन करना पड़ा।
हमने नहीं रखी छुट्टी
बच्चे सुबह जानकारी के अभाव में स्कूल पहुंचे। ऐसे में उनको तुगलकी फरमान पर वापस घर कैसे भेज सकते थे। इस पर हमने अवकाश नहीं रखा। -केके शर्मा, अध्यक्ष, निजी शिक्षण संस्थान विकास समिति, पाली
प्रथम परख लेना था
बच्चों का प्रथम परख का कार्यक्रम तय था। इस कारण सुबह बच्चे स्कूल आ गए। उनको घर नहीं भेज सकते थे। इस कारण स्कूल का संचालन करना पड़ा। -राजेन्द्रसिंह राजपुरोहित, निजी स्कूल संचालक
अभिभावक भी आए साथ
बच्चों के साथ सुबह कई अभिभावक स्कूल आए। उनका कहना था कि जन्माष्टमी शनिवार को है। ऐसे में आज आप स्कूल में पढ़ाए। कई बच्चे वाहनों से आए। इस कारण स्कूल संचालित करनी पड़ी। -राजेन्द्रसिंह भाटी, निजी स्कूल संचालक
अवकाश का पता लग गया
बच्चों व शिक्षकों को अवकाश का पता लग गया था। जो सोशल मीडिया से जुड़े नहीं है। वहां सरकारी स्कूल में भी कुछ शिक्षक पहुंचे थे। वे बाद में लौट गए। -जगदीशचंद्र राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), मुख्यालय, पाली

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