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टेरर फंडिंग: पाकिस्तान के बचाव में उतरे सऊदी अरब और चीन, अमरीका को झटका

Published: Feb 22, 2018 09:15:02 pm

Submitted by:

Mohit sharma

इंटरनेशनल टैरर फंडिंग वाले देशों में पाकिस्तान के नाम की चर्चा होने पर चीन, सऊदी अरब और तुर्की उसके बचाव में उतर आए हैं।

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नई दिल्ली। इंटरनेशनल टैरर फंडिंग वाले देशों में पाकिस्तान के नाम की चर्चा होने पर चीन, सऊदी अरब और तुर्की उसके बचाव में उतर आए हैं। इससे पाक को आतंक पोषित देशों की सूची में डालने का मार्ग तो मुश्किल हुआ ही है, साथ में अमरीका को बड़ा झटका लगा है। उधर, पाकिस्तान इसे अपनी बड़ी सफलता के रूप में देख रहा है। पाकिस्तान के बचाव इन देशों के आने के बाद ट्रंप प्रशासन ने पैरिस स्थित फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में गुप्त रूप से काम करना शुरू कर दिया है। बता दें कि FATF एक इंटरनेशल आॅर्गनाइजेशन है, जो मनी टैरर फंडिंग व मनी लॉन्डिंग से जुड़े मामलों पर नजर रखता है।

अमरीका और सऊदी अरब आमने-सामने

अमरीकी मीडिया के अनुसार अमरीका और सऊदी अरब के बीच किसी मुद्दे पर असहमति बनना काफी चौंकाने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब का पाकिस्तान के साथ आने की मुख्य वजह गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) है। वहीं अमरीक का प्रयास यह है कि FATF इस पर जल्द ही फैसला करे। उधर, पाकिस्तान इसे अपनी सफलता और अमरीका की विफलता से जोड़कर देख रहा है। बता दें कि FATF एक इंटरनेशल आॅर्गनाइजेशन है, जो मनी टैरर फंडिंग व मनी लॉन्डिंग से जुड़े मामलों पर नजर रखता है।

अमरीका और सऊदी अरब आमने—सामने

अमरीकी मीडिया के अनुसार अमरीका और सऊदी अरब के बीच किसी मुद्दे पर असहमति बनना काफी चौंकाने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब का पाकिस्तान के साथ आने की मुख्य वजह गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) है। वहीं अमरीक का प्रयास यह है कि FATF इस पर जल्द ही फैसला करे। उधर, पाकिस्तान इसे अपनी सफलता और अमरीका की विफलता से जोड़कर देख रहा है। बता दें कि FATF एक इंटरनेशल आॅर्गनाइजेशन है, जो मनी टैरर फंडिंग व मनी लॉन्डिंग से जुड़े मामलों पर नजर रखता है।

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