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दो साल पहले बढ़ते वजन से थी परेशान, फिर 94 किलो से 60 तक का सफर

locationनई दिल्लीPublished: Sep 21, 2018 09:42:33 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

दो साल पहले 94 किलोग्राम के वजन के कारण निशा को कई स्वास्थ्य संबधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था और ऐसे में उनके फीजियोथेरेपिस्ट ने भी उन्हें चेता दिया था कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो उन्हें सारा जीवन बिस्तर पर गुजारना पड़ सकता था।
 

Two years ago WAs upset with her weight now 94 to 60

दो साल पहले बढ़ते वजन से थी परेशान, फिर 94 किलो से 60 तक का सफर

नई दिल्ली। बढ़ते वजन के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से परेशान निशा गुरबानी ने आखिरकार अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते हुए दौड़ना शुरू किया, लेकिन अब उनके कदम मैराथन में दौड़ने को तैयार हैं। दो साल पहले शुरू हुई निशा की दौड़ आईडीबीआई फेडरल मुंबई मैराथन तक भी पहुंच गई हैं और वह पहली बार इस मैराथन में हिस्सा लेने जा रही हैं।

कई स्वास्थ्य संबधी परेशानियों करना पड़ रहा था सामना
दो साल पहले 94 किलोग्राम के वजन के कारण निशा को कई स्वास्थ्य संबधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था और ऐसे में उनके फीजियोथेरेपिस्ट ने भी उन्हें चेता दिया था कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो उन्हें सारा जीवन बिस्तर पर गुजारना पड़ सकता था। इस कारण निशा ने अपने स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान देने का लक्ष्य लेकर दौड़ना शुरू किया, जो उन्हें मैराथन तक खींच ले आई। अब वह 60 किलो की हैं और 30 सितम्बर को आयोजित होने वाली आईडीबीआई फेडरल मुंबई मैराथन में पहली बार हिस्सा लेने जा रही हैं।

पिछले साल दिसम्बर में पहली बार 10 किलोमीटर में रेस में लिया भाग
एक विज्ञापन कंपनी के साथ काम करने वाली निशा हठ योग शिक्षिका भी हैं। पिछले साल वह दिल्ली में मिसेज इंडिया होममेकर प्रतियोगिता की रनर-अप रही थीं। इसके लिए उन्होंने अपनी रोजाना की जिंदगी में दौड़ को शुरू किया था। उस समय वह रोज दो से तीन किलोमीटर तक दौड़ती थीं।इसके बाद, निशा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पिछले साल दिसम्बर में मुंबई में हुई पिंकाथोन में पहली बार 10 किलोमीटर में हिस्सा लेने का फैसला किया। वह ‘एन-मोशन’ और ‘जेएनएम’ ग्रुप के साथ जुड़ने के बाद से नियमित रूप से अभ्यास कर रही हैं।

दो घंटे, 55 मिनट और 37 सेकेंड में अपनी पहली हॉफ मैराथन की पूरी
हाल ही में उन्होंने सतारा में हुई हॉफ मैराथन में हिस्सा लिया और दो घंटे, 55 मिनट और 37 सेकेंड में अपनी पहली हॉफ मैराथन पूरी की। यह भारत की सबसे मुश्किल मैराथन में से एक है। इसके अलावा, उन्होंने ‘मुंबई 12 ऑर्स अल्ट्रा’ में भी हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने आठ घंटे में 51.5 किलोमीटर का रास्ता तय किया। आईडीबीआई फेडरल मुंबई मैराथन में 34 वर्षीया निशा अपनी बहन रेशमा गुरबानी के साथ 10 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लेंगी। दोनों की कोशिश एक-दूसरे को प्रेरित करते हुए इस मैराथन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की होगी।

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