राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने कुल नौ पदक अपने नाम किए थे। विकास कृष्णा, मनोज कुमार, गौरव सोलंकी, मोहम्मद हुसामुद्दीन और अमित ने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले गए खेलों में अपने गले में पदक डाला था। यह सभी एशियाई खेलों के लिए भी चयनति किए गए हैं। इनके अलावा शिव थापा और धीरज को भी एशियाई खेलों की टीम में जगह मिली है। महिलाओं में राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली मैरी कॉम इन खेलों में नहीं खेल रही हैं। आईएएनएस से फोन पर बातचीत में सैंटियागो ने कहा कि टीम का हर खिलाड़ी आने वाले खेलों के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारी टीम के हर खिलाड़ी ने बताया है कि उसमें पदक जीतने की ललक है और वो सभी इस काबिल भी हैं। इन सभी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को साबित किया। अमित, और विकास ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता था। हमारी टीम काफी मजबूत है इसलिए सभी खिलाड़ी पदक के दावेदार हैं।”
सैंटियागो ने कहा है कि उनकी और उनकी टीम की कोशिश है कि वह राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता को जारी रख सकें, लेकिन स्पेन के रहने वाले इस कोच ने कहा है कि यह उनकी टीम के लिए आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, “हमी इसी पर मेहनत कर रहे हैं कि हम अपने प्रदर्शन को एशियाई खेलों में भी जारी रख सकें। जाहिर सी बात है यह टूर्नामेंट काफी मुश्किल है यहां काफी बड़े खिलाड़ी आते हैं। इसलिए हमारे लिए यह मुश्किल है लेकिन हमारा आत्मविश्वास काफी ऊंचा है।”उन्होंने कहा, “हमने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा किया है। हमने विश्व के कई बड़े टूर्नामेंट्स में बेहतर किया है। हाल ही में कैमिस्ट्री कप में भी हमारी टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा था। हमने बुल्गारिया, जर्मनी और भारत में ही खेले गए इंडिया ओपन में शानदार किया था इसलिए हम एशियाई खेलों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”
खेलों की तैयारी के बारे में कोच ने कहा कि उनकी कोशिश तकनीकी तौर पर खिलाड़ियों को मजबूत करने और मैच के दौरान आने वाले अहम पलों के लिए उन्हें तैयार करने की है। उन्होंने कहा, “हम कुछ तकनीकों पर काम कर रहे हैं कि मैच के दौरान कुछ विशेष मौकों पर कैसे खेलना है। किस तरह का व्यवहार करना है। साथ ही अगर खिलाड़ी के पास बढ़त है तो इस स्थिति को अपने पक्ष में बनाए रखते हुए कैसे इसका फायदा उठाना है। शिविर में हमने काफी चीजों पर काम किया है।”सैंटियागो ने माना कि उनकी टीम के खिलाड़ियों की पदक जीतने की रहा में उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान के खिलाड़ी बाधा बन सकते हैं।
उन्होंने कहा, “उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान के मुक्केबाज काफी अच्छे है। इनकी टीम अच्छी है और इनके पास कुछ ऐसे मुक्केबाज हैं जो विश्व चैम्पियन और ओलम्पिक चैम्पियन हैं। थाईलैंड की भी अच्छी टीम है। हालांकि यह काफी करीबी है। उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान के अलावा कई और देश हैं जो हमें अच्छी टक्कर दे सकते हैं, लेकिन हमने सभी देशों के मुक्केबाजों को हराया है।”एशियाई खेलों में टीम के चयन को लेकर कुछ खिलाड़ियों ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनके साथ अन्याय हुआ है। इस पर कोच ने कहा कि विवाद के बिना टीम का चयन मुमकिन नहीं है। टीम में कई अच्छे खिलाड़ी हैं, इसलिए सभी को लगता है कि वह पदक के दावेदार हैं। उन्होंने कहा, “हमारी टीम काफी मजबूत है। टीम में काफी अच्छे खिलाड़ी हैं इसलिए सभी को लगता है कि वो पदक जीत सकते हैं। बिना विवाद के टीम का चयन मुमकिन नहीं है क्योंकि हर खिलाड़ी खेलना चाहता है। हमें इसे सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए।”