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पीवी सिंधु बनीं विश्व चैम्पियन, वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप खिताब जीतने वाली पहली भारतीय

locationनई दिल्लीPublished: Aug 26, 2019 07:07:28 am

Submitted by:

Mazkoor

PV Sindhu ने विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। वह लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थीं।

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बासेल : भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ( PV Sindhu ) ने जापान की नाजोमी ओकुहारा को बीडब्लूएफ विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप-2019 के फाइनल मुकाबले में 21-7, 21-7 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। इस खिताब को जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इस शटलर को बधाई दी।

सिंधु ने ओकुहारा को सीधे गेमों में दी मात

ओलम्पिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने रविवार को ओकुहारा को सीधे दो गेम में आसानी से मात दी। यह मुकाबला मात्र 37 मिनट तक चला। सिंधु ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और 5-1 की बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी इसके बाद पहले ब्रेक तक 11-2 से आगे हो गईं और जल्दी ही 16-2 की बढ़त बना ली। इसके बाद पहला गेम 21-7 से जीत लिया। सिंधु ने यह गेम सिर्फ 16 मिनट में अपने नाम कर लिया।

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दूसरे गेम में भी नहीं दिया वापसी का कोई मौका

दूसरे गेम में भी सिंधु ने आक्रमक शुरुआत की और कुछ ही मिनटों में अपनी बढ़त 8-2 तक पहुंचा दी। देखते-देखते वह 14-4 तक जा पहुंची और इसके बाद इस गेम को भी 21-7 से जीत लिया। इसके साथ ही उन्होंने बीडब्लूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीता।

विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पांचवां मेडल

पीवी सिंधु पिछले तीन साल से लगातार विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिन के फाइनल में पहुंच रही थीं। लेकिन 2017 और 2018 में वह खिताब से चूक गई थीं। इस बार उन्होंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया और खिताब पर कब्जा जमा लिया। बता दें कि सिंधु इस स्वर्ण पदक के अलावा विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में दो रजत और दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं। रजत पदक उन्होंने 2017 और 2018 में जीता था तो कांस्य पदक पर कब्जा 2013 और 2014 में जमाया था।

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ओकुहारा से 2017 की हार का लिया बदला

वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में इन दोनों खिलाड़ियों के बीच यह दूसरा मुकाबला था। 2017 के फाइनल में भी ये दोनों खिलाड़ी आमने-सामने हुई थीं। उस बार सिंधु को निराश होना पड़ा था। 2017 के इस मुकाबले को बैडमिंटन इतिहास के सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक माना जाता है। यह मुकाबला 110 मिनट तक चला था।
इस जीत के साथ विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में पांचवें नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधु ने चौथे नंबर के नोजोमी ओकुहारा के बीच करियर रिकॉर्ड 9-7 का हो गया।

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