इस मुकाबले को फाइनल की रिहर्सल के रूप में देखा जा रहा है। इस के परिणाम या ये कहें कि जीत-हार से टीम की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हां इतना जरूर है कि टीम ये मुकाबला बड़े अंतर से जीतती है तो फाइनल में उसका मनोबल और अधिक ऊंचा होगा।
नौ साल बाद खिताब जीतना चाहेगी टीम
भारतीय हॉकी टीम की नजरें अब टूर्नामेंट में नौ साल के अपने खिताबी सूखे को समाप्त करने पर लगी हुई हैं। भारत ने प्रतिष्ठित सुल्तान अजलान शाह कप हॉकी टूर्नामेंट में अपना पिछला खिताब 2010 में जीता था।
भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने टूर्नामेंट की पूर्वसंध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टीम 2010 के बाद से पहली बार इस खिताब को जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
मनप्रीत ने कहा, “हमें पता है कि हमने फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पोलैंड के खिलाफ होने वाले मुकाबले को हल्के में लेने जा रहे हैं। हम अपनी क्षमताओं के अनुसार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और बाकी बचे दो मैचों को जीतने के लिए दृढ़संकल्प हैं।”
उन्होंने कहा, “इस साल का यह हमारा पहला फाइनल होगा और इसका सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कोरिया के खिलाफ पूल चरण में 1-1 से ड्रॉ हुए मुकाबले से हमने बहुत कुछ सीखा है। मुझे लगता है कि पोलैंड के खिलाफ होने वाला कल का मैच भी हमें अच्छी तैयारी करने में मदद करेगा।”
उन्होंने कहा, “हमने एक टीम के रूप में सुधार करने की कोशिश की है। मुझे लगता है कि हमने अधिक सर्कल के अंदर अधिक पेनाल्टी हासिल करने, टार्गेट पर अधिक शॉट लगाने और जल्दी से गेंद को अपने कब्जे में करने पर काम किया है। मुझे विश्वास है कि हम गोल्ड मेडल के साथ टूर्नामेंट की समप्ति कर सकते हैं।”