पूल-सी में भारत और बेल्जियम मजबूत-
ग्रुप-सी में शामिल कनाडा एक मैच में हार और एक मैच ड्रॉ होने के साथ तीसरे स्थान पर हैं, वहीं बेल्जियम भी चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। भारतीय टीम गोल अंकों के आधार पर सबसे आगे है। ऐसे में कनाडा के खिलाफ ड्रॉ मैच भी उसे क्वार्टर फानइल तक पहुंचा देगा, लेकिन हरेंद्र को जीत से कम कुछ मंजूर नहीं।
एक गोल भी नहीं खाना चाहते- कोच हरेंद्र-
मैच से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में हरेंद्र ने कहा, “बेल्जियम के खिलाफ मैच के बाद मिले ब्रेक के बाद भारतीय टीम फिर से तरोताजा महसूस कर रही है और अगले मैच के लिए पूरी तरह से तैयार है। टीम पूल-सी में शीर्ष स्थान पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करना चाहती है। हम नहीं चाहते कि भारतीय डिफेंडर कनाडा के खिलाफ मैच में एक भी गोल खाएं।” पेनाल्टी कॉर्नर पर जोर देते हुए कोच हरेंद्र ने कहा, “भारतीय टीम ने पेनाल्टी कॉर्नर पर बहुत मेहनत की है। मेरा मानना है कि सही पुश और ट्रैप के साथ ही हम अच्छा ड्रैग फ्लिक कर गोल हासिल कर सकते हैं।”
हार पर अन्य परिणामों पर निर्भर करेंगे-
कोच हरेंद्र की यह बात सही है कि अगर भारतीय टीम ने कनाडा के खिलाफ मैच में अधिक गोल खाए और हार का सामना किया, तो क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के उसके अवसर अन्य दो टीमों के मैच के परिणाम पर निर्भर करेंगे, जो हित में हो यह संभव नहीं। इसके लिए सबसे जरूरी है भारतीय टीम का पेनाल्टी कॉर्नर के अवसर का सही इस्तेमाल करना।
1975 के बाद भारत नहीं जीत सका है वर्ल्ड कप-
भारतीय टीम ने हॉकी विश्व कप के पिछले 13 संस्करणों में से केवल एक में खिताबी जीत हासिल की है। 1975 में पाकिस्तान को कड़े मुकाबले में 2-1 से हराकर उसने विश्व कप अपने नाम किया था और एक बार फिर इस पल को जीने के लिए और खिताब के करीब एक और कदम बढ़ाने के लिए वह कनाडा के खिलाफ हर हाल में जीत के इरादे से मैदान पर उतरेगी।