हॉकी इंडिया ने कहा कि आप पार्टी से प्रेरित हैं महिला आयोग के सरदार सिंह पर आरोप
Published: Jun 22, 2016 09:32:00 pm
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कथित तौर पर पीडि़त युवती
की शिकायत पर सरदार सिंह के साथ ही हॉकी इंडिया को भी नोटिस दिया था
Sardar Singh come in Raipur
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की तरफ से भारतीय हॉकी कप्तान सरदार सिंह के ऊपर एक भारतीय मूल की ब्रिटिश हॉकी खिलाड़ी की तरफ से लगाए गए शारीरिक उत्पीडऩ के आरोपों में बुधवार को नया मोड़ आ गया। इस मामले में आयोग की तरफ से भेजे गए नोटिस के जवाब में हॉकी इंडिया ने उसकी कार्रवाई को दिल्ली में सत्ता संभाल रही आप पार्टी से प्रेरित बताते हुए कड़ा विरोध जताया। साथ ही भारतीय हॉकी टीम के अभी विदेशी दौरे पर होने की बात कहते हुए ब्राजील में होने जा रहे रियो ओलंपिक के बाद टीम की वापसी होने पर पूरी जांच के बाद नए सिरे से जवाब दाखिल करने की बात कही।
10 सप्ताह का मांगा जवाब देने के लिए समय
बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कथित तौर पर पीडि़त युवती की शिकायत पर सरदार सिंह के साथ ही हॉकी इंडिया को भी नोटिस दिया था। इस नोटिस के जवाब में हॉकी इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके श्रीवास्तव की तरफ से आयोग को लिखित जवाब भेजा गया। अपने जवाब में श्रीवास्तव ने कहा, हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि आयोग की तरफ से सभी दस्तावेज मिलने के बाद आपके सभी सवालों का पूरा जवाब दिया जाएगा। हम आपसे 10 सप्ताह के समय का आग्रह करते हैं, क्योंकि हम रियो ओलंपिक के लिए भारतीय पुरुष एवं महिला टीम की तैयारियों में पूरा समय लगा रहे हैं।
नोटिस में अरुण जेटली के नाम पर जताया एतराज
श्रीवास्तव ने अपने जवाब में आयोग की तरफ से भेजे गए नोटिस में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को हॉकी इंडिया का एडवाइजर बताते हुए इस मामले से जोडऩे पर सख्त एतराज जताया। अपने जवाब में बोल्ड अक्षरों में इस मामले को उठाते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि अरुण जेटली किसी भी तरह से हॉकी इंडिया से संबंधित नहीं हैं और आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के आप पार्टी से जुड़े होने और उसी की तरफ से नियुक्त किए जाने के चलते अरुण जेटली को इस मामले में लपेटने के प्रयास में राजनीति से प्रेरित कदम नजर आ रहा है। हॉकी इंडिया इसका विरोध करता है।
हॉकी इंडिया ने नोटिस का उल्लेख करते हुये कहा कि कथित यौन उत्पीडऩ का यह मामला 2015 का बताया जाता है और शिकायतकर्ता ने इस मामले को मई 2016 में जाकर उठाया। स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता ने काफी विलंब के बाद अपनी शिकायत दर्ज करायी। इसलिये आपके नोटिस का जवाब देने से पहले तमाम तथ्यों की जांच करना बहुत जरूरी है।
हॉकी इंडिया ने साथ ही कहा, मीडिया में ऐसी रिपोर्टं भी हैं कि महिला खिलाड़ी सरदार से बदला लेना चाहती है ताकि वह ओलंपिक में हिस्सा न ले पाएं। यह भी एक तथ्य है कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच दिल्ली महिला आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर है। इसलिये यह जरूरी है कि आप शिकायकर्ता को अपनी शिकायत उचित पुलिस थाने में दर्ज कराने की सलाह दें और पुलिस को जांच का अपना काम करने दें।
श्रीवास्तव ने कहा,जहां तक यौन उत्पीडऩ मामलों का संबंध हैं तो ऐसे मामलों को देखने के लिये हॉकी इंडिया की एक विस्तृत नीति है और उसने उसके लिए एक समिति का भी गठन कर रखा है जिसका विवरण हॉकी इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध है।