चोपड़ा से एथेलेटिक्स में है गोल्ड की उम्मीदें
चोपड़ा ने फाइनल में प्रवेश करने के बाद कहा “मैं अपने 80.42 के थ्रो के साथ खुस हूं क्योंकि क्वालिफिकेशन मार्क 78 मीटर था।” उन्होंने आगे कहा “मैंने पिछले 25 दिन अपने कोच उवे होह्न(जर्मनी) ने साथ ट्रेनिंग ली है।मैं अभी उनसे इंडिया में ट्रेनिंग ले रहा था और अगले तीन महीने मैं उनसे जर्मनी में ट्रेनिंग लेने वाला हूं।” यह बात ध्यान देने वाली है कि ऑस्ट्रेलिया के कैथरीन मिचेल भी होह्न से ही ट्रेनिंग ले रहीं हैं। उन्होंने अपने इवेंट में 11 अप्रैल को सिल्वर मेडल जीता है।” चोपड़ा ने इस बात पर कहा कि “उन्होंने बहुत ही अच्छा परफॉरमेंस दिया। ऑस्ट्रेलिया उनकी परफॉरमेंस से काफी खुश होगा।” ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन की ही तरह भारत को चोपड़ा से पदक की उम्मीदें है।
एथेलेटिक्स में दो मेडल जीत चुका है भारत
सीमा ने शानदार शुरुआत की और पहले ही प्रयास में 60.41 मीटर की दूरी तय की।इसके बाद सीमा अपने थ्रो को बेहतर करने में नाकामयाब रहीं। सीमा के प्रदर्शन में उथल-पुथल जारी रही और उनका पांचवां प्रयास भी असफल रहा लेकिन उन्होंने अंतिम प्रयास में 58.90 मीटर की दूरी तय करके रजत पदक सुनिश्चित कर लिया।दूसरी तरफ, भारत की नवजीत ढिल्लन की शुरुआत निराशाजनक रही। उन्होंने पहले प्रयास में केवल 55.61 मीटर की दूरी तय की और दूसरे एवं तीसरे प्रयास में वह असफल रही। चौथे प्रयास में सुधार करते हुए नवजीत ने 56.22 मीटर तक गोला फेंका जबकि पांचवें प्रयास में वह केवल 54.09 मीटर की ही दूरी तय कर पाई। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि न्यूजीलैंड की सोसितीना हाकेई कांस्य पदक पर कब्जा करेंगी लेकिन अंतिम प्रयास में वह सिर्फ 56.96 मीटर की दूरी तय कर पाई जबकि नवजीत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 57.43 मीटर की दूरी तय करके कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।
एथलेटिक्स में अन्य भारतीयों का प्रदर्शन
भारत के अर्पिन्दर सिंह और ए.वी. राकेश बाबू ने भी पुरुषों की तिहरी कूद स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली है। अर्पिदर ने क्वालीफिकेशन में ग्रुप-बी में पहले स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाई। पंजाब के इस खिलाड़ी ने 16.39 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। उनके बाद नामीबिया के रोजर हईटेंगी रहे जिन्होंने 16.36 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। वहीं बाबू ने ग्रुप-ए में पांचवें स्थान के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने 15.98 मीटर की दूरी मापी। बता दे कि राकेश बाबू को नो नीडल पालिसी का उलंघन करने के कारण भारत वापस भेज दिया गया है।