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वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस: मैराथन में बच्चे से लेकर 65 साल तक के बुजुर्ग हुए शामिल

locationबिलासपुरPublished: Sep 09, 2018 03:55:29 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

डॉक्टरों ने दिए चिकित्सा परामर्श

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वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस: मैराथन में बच्चे से लेकर 65 साल तक के बुजुर्ग हुए शामिल

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे महिला आयोग की अध्यक्ष व मेयर किशोर राय

बिलासपुर. वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस पर शनिवार को मैराथन और फिजियो हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। इसमें बिलासपुर आईएपी के प्रेसीडेंट डॉ. चंद्रकांत गर्ग, वुमेन सेल हेड डॉ. शिको संजा और सेके्रटरी डॉ. उमेश भुवन, टेजारार, समेत कई फिजियो डॉक्टर्स उपस्थित थे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय एवं महापौर किशोर राय थे। अतिथियों का स्वागत डॉ. चन्द्रकांत गर्ग एवं डॉ. गरिमा तिवारी ने किया। मैराथन में 300 से ज्यादा प्रतिभागी मौजूद थे। इसमें 10 साल के बच्चे से लेकर 65 वर्ष के बुजुर्गों ने हिस्सा लिया। प्रथम पुरस्कार देवेन्द्र कुमार, द्वितीय पीर मोहम्मद, तृतीय सुलेमान खान को दिया गया। लड़किया़े में मंजू साहू, पुष्पलता एवं हिमानी को पुरस्कृत किया गया। फिजियो हेल्थ कैम्प का आयोजन लायंस क्लब एवं लाफ्टर क्लब के सहयोग से किया गया। इसमें बीएमडी, बीएमआई, सुगर हेल्थ, व मुफ्त फिजियोथेरेपी परामर्श प्रदान किया गया। शिविर में डॉ. विक्रम द्विवेदी, डॉ नोज, डॉ. ममता लीट्रा, डॉ. नेहा ने चिकित्सा परामर्श दिया। साथ ही डॉ. चन्द्रकांत गर्ग द्वारा केरला बाढ़ पीडि़तों के प्रति संवेदना प्रकट की गई।
पवन कुमार अग्रवाल को किया गया सम्मानित
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट की बिलासपुर शाखा द्वारा हेल्दी मैराथन दौड़ का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें पुरस्कार पवन कुमार अग्रवाल को मिला। उन्होंने 5.5 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। स्टेट आईपी के अध्यक्ष प्रशांत चक्रवर्ती, राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत गर्ग और सचिव डॉ. उमेश भुवाने ने विजेता को पुरस्कृत किया।
हाईकोर्ट ने रखा भाड़ा नियंत्रण अधिकारी का फैसला बरकरार

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने भाड़ा नियंत्रण अधिकारी का फैसला बरकरार रखते हुए अखिल रंजन घोष की याचिका खारिज कर दी है। सेंट्रल बैंक से सेवानिवृत्ति के बाद किशन टुटेजा ने मारवाडी लाइन खरपगंज स्थित सेनफिट नाम की दुकान प्रोपाइटर अखिल रंजन घोष, अमोलक चंद बजाज एंड संस से खरीदा था। नोटिस देने के बावजूद दुकान खाली नहीं करने पर भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के न्यायालय में प्रकरण लगाया गया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने दुकान का कब्जा किशन टुटेजा को देने का आदेश पारित किया। न्यायालय के आदेश को घोष द्वारा हाईकोर्ट मेंंं चुनौती दी गई। प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस आरपी शर्मा की एकलपीठ ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था। 6 सितंबर को एकलपीठ ने रंजन घोष की रिवीजन याचिका खारिज करते हुए किशन टुटेजा के पक्ष में आदेश पारित किया।

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