scriptआपकी बात… पर्यावरण संरक्षण के प्रयास गति क्यों नहीं पकड़ पा रहे है? | Why are environmental protection efforts not gaining momentum? | Patrika News
ओपिनियन

आपकी बात… पर्यावरण संरक्षण के प्रयास गति क्यों नहीं पकड़ पा रहे है?

पाठकों की ढेरों प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश है चुनींदा प्रतिक्रियाएं…

Apr 12, 2024 / 05:15 pm

विकास माथुर

आपकी बात... पर्यावरण संरक्षण के प्रयास गति क्यों नहीं पकड़ पा रहे है?

आपकी बात… पर्यावरण संरक्षण के प्रयास गति क्यों नहीं पकड़ पा रहे है?

फैक्ट्रियों व कंपनियों को प्रयास करने होंगे
पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को ही जिम्मेदारी उठानी होगी। फैक्ट्रियों व कंपनियों में इसके लिए कॉरपोरेट सोशल रिसपांसिबिलिटी जैसे प्रावधानों को छोटे से छोटे स्तर पर लागू करना चाहिए। इसका कुछ प्रतिशत केवल पर्यावरण के लिए सीमित कर देना चाहिए।
गौरव पाठक, बांदीकुई
…………………………………………………….
प्रचार अधिक, प्रयास कम
विभिन्न संस्थाएं और सरकार पर्यावरण संरक्षण का प्रचार तो जोर शोर से करते हैं। लेकिन उस पर अमल बहुत कम किया जाता है। इससे पर्यावरण संरक्षण की योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं।
-भारती नायक, बीकानेर
……………………………………………………
पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं
सरकार पर्यावरण के मानक तय करती है, लेकिन इस पर वास्तविक रूप से अमल नहीं हो पाता। लोग इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। संस्थाएं पर्यावरण मानकों के प्रति गंभीर नहीं हैं। नियमों के प्रति लोग उदासीन हैं और इसके उल्लघंन के लिए विदेशों जैसे कडे कानून भी नहीं हैं। लोग पौधरोपण करने का दिखावा तो बहुत करते हैं लेकिन उन पौधों का संरक्षण नहीं करते।
— विनोद कुमावत केकड़ी
…………………………………………………………
प्रकृति के अत्यधिक दोहन ने किया नुकसान
प्रकृति के अत्यधिक दोहन ने हमें उस मुकाम तक पहुंचा दिया है जहां पर्यावरण संरक्षण एक चुनौती बन गया है। इसके लिए त्याग व संयम जरूरी है। हमने अपनी आवश्यकताओं को इतना बड़ा कर लिया कि हम चाह कर भी पर्यावरण के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं । यदि अपना जीवन और आगे आने वाली पीढी को बचाए रखना है तो सुविधाओं में कटौती, संयम, त्याग के साथ प्रकृति से दोस्ताना व्यवहार रखना होगा।
हुकुम सिंह पंवार, टोड़ी इन्दौर
…………………………………………..
प्रयासों में जन—भागीदारी नहीं
पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में, जन-भागीदारी नहीं है। पेड़-पौधों की सुरक्षा के लिए जागरुकता का अभाव है। लोग अपने फायदे के लिए पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन हो रहा है। सरकार भी इसके प्रति अधिक गंभीर नहीं है। संस्थाएं व कानून बने हुए हैंं लेकिन लगभग मृतप्राय: हैं।
-नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र.
……………………………………………………..
पर्यावरण संरक्षण की योजनाओं की क्रियान्विति सही नहीं
पर्यावरण संरक्षण की कई योजनाएं क्रियान्वित हैं, लेकिन वे गति नहीं पकड़ पा रही हैं। लोग पर्यावरण संरक्षण को गंभीरता से नहीं ले रहें हैं। लोग लापरवाही से कूड़ेदान के सामने ही कचरा फेंक देते हैं । नदी-नालों में प्लास्टिक की थैलियां फेंकते हैं। वाहनों का दुरुपयोग और पेड़ों के कटाई बेरोक—टोक हो रही है। कचरे का सही तरीके से निस्तारण करके और गंदगी न फैलाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देना चाहिए।
विभा गुप्ता, मैंगलोर
…………………………………………………..
व्यक्तिगत स्वार्थ सर्वोपरि
वर्तमान दौर में व्यक्तिगत स्वार्थ सर्वोपरि हो गये हैं। लोग प्रकृति से मिली संपदा का बेतरतीब ढंग से दोहन कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की बातें पत्र— पत्रिकाओं तक ही सीमित हैं। नेता व संस्थाएं पांच सितंबर को पौधारोपण करते हुए अपने फोटो छपवाने में ही रुचि लेते हैं। उन्हें अपने स्वार्थ की खातिर हरे भरे वृक्षों को कटवाने से कोई परहेज नहीं है। रोजगार के साधन न होने की वजह से भी पेडों की कटाई करके लोग अपनी रोजीरोटी चलाते हैं। सरकार को लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जवाबदेह बनाना होगा और कानूनों पर सख्ती से अमल में लाना होगा।
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

Home / Prime / Opinion / आपकी बात… पर्यावरण संरक्षण के प्रयास गति क्यों नहीं पकड़ पा रहे है?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो