वर्तमान समय में अधिकांश लोग अहंकारी व नकारात्मकता वाले विचार पाले हुए हैं। संवेदनशीलता व धैर्य में तेजी से कमी आई है। शरीर आरामदायक व सुविधाभोगी बन गया है। अधिक धन कमाने की होड में स्वास्थ्य पर ध्यान कम मिल पाता है। इन सबसे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पडा है। खेतों में सब्जियों व फलों में जहरीले रसायन के इस्तेमाल से शुद्धता कम हो गई है। इन कारणों से व्यक्ति का निरोगी हो पाना मुश्किल बनता जा रहा है।
डॉ विकास पंडित, सेंधवा, जिला बड़वानी, मप्र
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निरोगी रहने के लिए खाने मे हरी सब्जियाँ,सलाद और नियमित फलों का सेवन करना चाहिए। प्रात: कम से कम आधा घंटा नियमित रूप से व्यक्ति व्यायाम करे तो निरोगी रहा जा सकता हैँ।
—सुनीता सैनी, झुंझुनूं
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निरोगी व स्वस्थ्य रहने के लिए प्रतिदिन संतुलित आहार के साथ ताजे फल एवं सब्जियों का सेवन करना चाहिए। दिन में अधिक से अधिक स्वच्छ पानी पीना और सुबह जल्दी उठकर व्यायाम अवश्य करनी चाहिए। कहा जाता है कि सुबह की हवा लाख रुपए की दवा । संक्रमण संभावित स्थानों से दूर रहें व नियमित रूप से हाथ धोते रहना चाहिए। धूम्रपान आदि से दूर रहना चाहिए। इन अच्छी आदतों से हमारा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और हम सदैव निरोगी रहेंगे।
– उमराव सिंह वर्मा, सेमरिया, बेमेतरा (छत्तीसगढ़)
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निरोगी बने रहने के दैनिक जीवनशैली में स्वच्छ आहार,पर्याप्त नींद,योग – व्यायाम,पर्याप्त पानी का सेवन,धूम्रपान का त्याग, जंक फूड से बचाव जैसी गतिविधियों को शामिल करना चाहिए।
राहुल कुमार पालीवाल, राजसमंद
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हमें निरोगी रहने के लिए अपनी दैनिक दिनचर्या में से कम से कम एक घंटा व्यायाम करना चाहिए। हमें पानी ज्यादा पीना चाहिए और फलों को प्रतिदिन खाने में शामिल जरूर करना चाहिए। हमें अपने खान पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। हम वैसे ही बनते है जैसा हम आहार लेते हैं।
-ज्योत प्रकाश गुलाटी, मदीना, रोहतक, हरियाणा।
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स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता के साथ सात्विक भोजन और सात्विक विचार रखने होंगे। हमें बाहरी खान-पान,फास्ट फूड से बचना होगा, भौतिक विलासिता से भी बचना चाहिए। प्रतिदिन नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करना होगा। कृत्रिम साधनों के स्थान पर प्राकृतिक साधनों का उपयोग करना चाहिए। जितना अधिक प्रकृति के साथ रहेंगे, उतना अधिक निरोगी रहेंगे।
आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर
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निरोगी रहने के लिए खानपान और नियमित दिनचर्या में सुधार होना चाहिए। प्राकृतिक जीवनशैली में फास्टफूड के बजाय सब्जियाँ एवं मोटा अनाज खाना चाहिए। खानपान के साथ-साथ शारिरिक श्रम भी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आजकल लोगों का जागने व सोने का समय भी निश्चित नहीं होता।
—नंदिनी मालव, कोटा