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अच्छी शुरुआत

यह आश्चर्यजनक खबर है। राजस्थान में पिछले तीन दिन में लगभग दस हजार बदमाश सलाखों के पीछे चले गए। राजस्थान की नई सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बधाई। उन्होंने साबित कर दिया है कि नेतृत्व में इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी काम असंभव नहीं है। इरादे दृढ़ हो तो प्रदेश को स्वर्ग बनाया जा सकता है।

Dec 31, 2023 / 10:20 am

भुवनेश जैन

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प्रवाह, भुवनेश जैन
यह आश्चर्यजनक खबर है। राजस्थान में पिछले तीन दिन में लगभग दस हजार बदमाश सलाखों के पीछे चले गए। राजस्थान की नई सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बधाई। उन्होंने साबित कर दिया है कि नेतृत्व में इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी काम असंभव नहीं है। इरादे दृढ़ हो तो प्रदेश को स्वर्ग बनाया जा सकता है।

राजस्थान की जनता जानती है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश की शान्ति को ग्रहण लग चुका था। धमकी देकर वसूली करने वाले खुलेआम अपने काम को अंजाम दे रहे थे। राजधानी जयपुर सहित अनेक शहरों में फायरिंग की घटनाएं हुईं। समाजकंटकों की अवैध हथियारों तक पहुंच आसान हो गई थी। वसूली गिरोह विदेशों से ही नहीं जेल में बैठकर गिरोह चला रहे थे। सोशल मीडिया ने ऐसे गिरोहों के सरगनाओं को युवाओं में लोकप्रिय बना दिया था। किशोर वय के बच्चे तक उनके फॉलोअर बन रहे थे। दो गिरोहों के बीच प्रतिद्वंद्विता हत्याओं तक पहुंच चुकी थी। जमीनों व सम्पत्तियों पर कब्जे, व्यापारियों और प्रोफेशनलों से जबरन वसूली रोज की बात हो गई थी। पुलिस पर किसी को भरोसा नहीं था, इसलिए ज्यादातर लोग चुपचाप पैसा दे देते थे।

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पिछले तीन दिन की पुलिस की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि इससे पहले उसकी भूमिका तमाशबीन से ज्यादा कुछ नहीं थी। अपराधी या अपराधी प्रवृत्ति वाले दस हजार बदमाश जनता के बीच खुलेआम घूम रहे थे और अपनी कारगुजारियों को अंजाम दे रहे थे, पर कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था। पिछले कुछ वर्षों में उत्तरप्रदेश में अपराधियों के प्रति सख्ती हुई तो वहां के अपराधी भी राजस्थान आ गए और अपराधों का ग्राफ बढ़ाने में जुट गए।

राजस्थान की सरकार को अपनी अब तक की कार्रवाई को राजस्थान को अपराध-मुक्त करने की दिशा में पहला कदम ही मानना चाहिए। असली चुनौतियां तो अब आएंगी। अपराधियों के गिरोह बिना राजनीतिक संरक्षण के नहीं पनपते। जैसे ही अपराधियों पर पुलिस का घेरा बढ़ेगा, उनके राजनीतिक आका सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर देंगे। सरकार को यदि सही मायने में राजस्थान को अपराध-मुक्त बनाना है तो सबसे पहले उसे यह संकल्प लेना होगा कि वह ऐसे दबावों में नहीं आएगी और अपराधियों के खिलाफ बिना पक्षपात कार्रवाई करेगी।
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दूसरा काम पुलिस फोर्स में बैठे ‘आपराधिक चरित्र’ वाले अफसरों की छुट्टी करना होना चाहिए। इनमें से ज्यादातर अफसर क्षेत्र और थानों को बोली लगाकर खरीदते रहे हैं और वहां अपनी नियुक्तियां करवाकर पर्दे के पीछे से गिरोहों का संचालन करते रहे हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाकर ऐसे अपराधी पुलिसकर्मियों की सफाई प्राथमिकता से कर महत्वपूर्ण स्थानों पर साहसिक, चरित्रवान और संवेदनशील अफसरों की नियुक्ति करनी चाहिए। इतना भी कर लिया तो अपराधी राजस्थान को छोड़कर दुम दबाकर भागते नजर आएंगे। फिलहाल आगाज तो अच्छा है। उम्मीद है अंजाम इससे भी अच्छा होगा।

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