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35 लाख में नीलाम हुई थी संविधान की पहली प्रति

Published: Oct 13, 2019 08:04:57 pm

-हीलियम के बॉक्स (helium box) में रखी है डॉ. राजेंद्र प्रसाद (dr. rajendra prasad) के हस्ताक्षर वाली हस्तलिखित प्रति (Handwritten copy)-एक लाख 45 हजार शब्दों के साथ हमारा संविधान विश्व (longest constitution in the world) में सबसे बड़ा

35 लाख में नीलाम हुई थी संविधान की पहली प्रति

35 लाख में नीलाम हुई थी संविधान की पहली प्रति

जयपुर.

यह बात तो सर्वविदित है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (democracy) है, लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि भारत का संविधान (indian constitution) भी दुनिया में सबसे बड़ा है। एक लाख 45 हजार शब्दों में लिखा यह संविधान दुनिया के किसी भी संप्रभु राज्य का सबसे लंबा है। अमरीका के संविधान में महज 4400 शब्द हैं। यह संविधान 1947 से 1952 के बीच पांच वर्षों में बनकर तैयार हुआ। संविधान के मूल पाठ में 225 अनुच्छेद थे, जिनमें 22 भाग और 8 अनुसूचियां थीं। संशोधनों के बाद अनुच्छेदों की संख्या बढक़र 448 हो गई। भारतीय संविधान की दो प्रतियां हस्तलिखित हैं, एक हिंदी और एक अंग्रेजी में। इन्हें अभी संसद भवन के पुस्तकालय में हीलियम से भरे बॉक्स में रखा गया है। संविधान के पहले संस्करण की प्रति, जिस पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर थे, पिछले दिनों लंदन में सोथबी ने नीलाम किया था। इसे वहां एक संग्रहकर्ता ने 40 हजार पाउंड (34.94 लाख रुपए) में खरीदा था।
भारत में 103 बार संशोधन
क्रिस्टल रिसर्च एंड कंसल्टिंग के झेलम चौधरी लिखते हैं, भारत में सियासतदानों ने संविधान को खिलौने की तरह इस्तेमाल किया। लागू होने के सात दशक के भीतर संविधान में 103 बार संशोधन किया गया, जबकि अमरीका में करीब सवा दो सौ वर्षों में महज 27 बार संशोधन किया गया। अमरीकी संविधान 1788 में अमल में आया था। भारत में पहला संविधान संशोधन 1951 में किया गया।
खास बातें-
1.45 लाख शब्द हैं भारतीय संविधान में
4400 शब्द हैं अमरीकी संविधान में
225 अनुच्छेद थे संविधान में पहले, अब 448
103 बार संशोधन हुए भारतीय संविधान में

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