नोएडा। गर्मी में लू लगने से हर साल सैकड़ों लोग लू लगने से मर रहे हैं। लू सबको लगती है, लेकिन लू से कुछ ही लोगों की मौत होती है। तो ऐसा क्यों है कि कुछ लोगों की लू लगने के बाद मौत हो जाती है? आईये जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान।
37 डिग्री होता है तापमानहमारे शरीर का तापमान हमेशा 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते हैं। पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37 डिग्री सेल्सियस तापमान को बनाए रखता है। इसके लिए लगातार पसीना निकलने पर पानी पीते रहना बेहद आवश्यक है।
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जब बढ़ने लगता है तापमानइस बारे में नीमा के डॉ. यशपाल सिंह का कहना है कि पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत से कार्य करता है। शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना बंद कर देता है। जब बाहर का तापमान 45 डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप हो जाती है। तब शरीर का तापमान 37 डिग्री से ऊपर पहुंचने लगता है।
यह भी पढ़ेंः हेल्दी स्मर्म के लिए पुरुष तुरंत अपनाएं ये छह आदतेंबंद हो जाता है शरीर का सिस्टमशरीर का तापमान जब 42 सेल्सियस तक पहुंच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन गर्म होकर पकने लगता है। स्नायु (नसें या तंत्रिकाएं) कड़क होने लगते हैं। इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।
यह भी पढ़ेंः फूड तो दूर, आपका जूस भी सेफ नहींरुक जाती है ब्लड सप्लाईशरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है। साथ ही ब्लडप्रेशर लो हो जाता है। इसके चलते महत्वपूर्ण अंग (ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है। इससे व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक-एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है।
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पानी पीना जरूरी हैडॉ. यशपाल सिंह का कहना है कि गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए और हमारे शरीर का तापमान 37 डिग्री पर ही बनाए रखना चाहिए।
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