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Exclusive interview: विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘Statue of Unity’ बनाने वाले राम वंजी सुतार ने बताईं ये खूबियां

locationनोएडाPublished: Oct 28, 2018 05:25:43 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

राम वंजी सुतार: हम कारपेंटर फैमली से हैं, एक कारपेंटर में बहुत सारी खूबियां होती हैं। उसमें इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट, एटीआर वर्क और हार्ड वर्क करने जज्बा होता है।

ram vanji sutar

Exclusive interview: विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘Statue of Unity’ बनाने वाले राम वंजी सुतार ने बताईं ये खूबियां

नोएडा। महान लोगों की प्रतिमा बनाते-बनाते खुद भी महान हस्ती बन चुके राम वंजी सुतार एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, उन्हें वर्ष 2016 के टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही उनके द्वारा बनाई गई भारत के ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर को पटेल जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जो भारत का एक नया विश्व रिकॉर्ड होगा।
यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जाएगी। बनावट की खूबियों के कारण यह मूर्ति आधुनिक इंजीनियरिंग की एक मिसाल बन गई है। प्रतिमा का डिजाइन नोएडा निवासी पद्‍मभूषण राम वंजी सुतार ने तैयार किया है। इस बारे में पत्रिका संवाददाता ने राम वंजी सुतार से उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलू और ‘लौह पुरुष’ की प्रतिमा की विशेषताओं के बारे में खास बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
संवाददाता: जीवन में कला की शुरुआत कैसे हुई?
राम वंजी सुतार: हम कारपेंटर फैमली से हैं, एक कारपेंटर में बहुत सारी खूबियां होती हैं। उसमें इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट, एटीआर वर्क और हार्ड वर्क करने जज्बा होता है। ये सारी चीजें हमें भी विरासत में मिलीं। बचपन में हम गांव में पिता जी के साथ काम करते थे और स्कूल में आर्ट वर्क भी करते थे और अक्सर दीवारों पर चित्र बनाते थे। उस समय गांव वाले जो बर्तन खरीदते थे, उस पर अपना नाम लिखवाते थे। ये काम भी मैं कर देता था।
संवाददाता: मूर्ति बनाने की शुरुआत कैसे हुई?
राम वंजी सुतार: हमारे अध्यापक ने पहली बार हमारी प्रतिभा को पहचाना और मूर्ति बनाने के लिए कहा तब मैंने गणेश जी की मिट्टी से मूर्ति बनाई। अभी भी मुझे याद नहीं उस मूर्ति को मैंने कैसे बनाया। उस समय मैं दूसरी कक्षा में पढ़ता था। उस समय मैं करीब 7 साल का रहा हूंगा। बचपन से ही मेरे अंदर ये गुण था। गांव के घरों में बिच्छू बहुत पनपते हैं, एक बार एक बिच्छू को मैंने मार दिया। फिर उसको देखकर उसकी आकृति साबुन पर बनाई इसे मेरी पहली मूर्ति कह सकते हैं।
संवाददाता: अब तक कितनी मूर्तियां बना चुके होंगे, और किसकी मूर्ति बनाना सबसे कठिन है?
राम वंजी सुतार: अब तक मैं हजारों मूर्तियां बना चुका हूं। मेरा मानना है कि किसी भी मूर्ति को बनाना आसान नहीं है।
संवाददाता: सबसे ज्यादा किस महापुरुष की मूर्तियां बनाई हैं?
राम वंजी सुतार: मैंने सबसे ज्यादा मूर्तियां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बनाई हैं। आज पूरे विश्व के 350 शहरों में मेरी बनाई हुई गांधी जी की मूर्तियां लगी हैं।
संवाददाता: सरदार पटेल की मूर्ति कितनी बड़ी है?
राम वंजी सुतार: यह मूर्ति 522 फीट की है। इसके निर्माण में 25 हजार टन लोहे और 90 हजार टन सीमेंट का उपयोग किया गया है। दुनिया में बनी सारी मूर्तियां इसके सामने छोटी हो गई हैं।
संवाददाता: इसको बनाने में कितना समय लग गया?
राम वंजी सुतार: यह मूर्ति पिछले 4 से बन रही है। पहले छोटी मूर्ति पार्लियामेंट में लगी। उसके बाद अहमदाबाद में सरदार पटेल की मूर्ति लगी। इन मूर्तियों को देखकर इस बड़ी मूर्ति बनने का प्रस्ताव आया। इसके लिए एक इंटरनेशनल संस्थान को सबसे अच्छी मूर्ति के बारे में अनुसंधान करने को कहा। सभी मूर्तियों को देखने के बाद उसने कहा कि राम सुतार की मूर्ति बेस्ट है। इसके बाद ही मुझे मूर्ति बनाने को कहा गया।
संवाददाता: आपको अवार्ड दिया गया है, इस बारे में क्या कहेंगे?
राम वंजी सुतार: आज तक जो काम किया उसी को देखते हुए ये अवार्ड मिला है और मैं खुश हूं।

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