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फरहत ने साल 1996 से ही दिल्ली में कई सांसदों के पीए के तौर पर काम किया था। पुलिस को शक था कि फरहत पाक एजेंसियों को संसद से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भेज रहा था। मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले मुनव्वर सलीम को साल 2012 में सपा ने अपने टिकट पर राज्यसभा भेजा था। मुनव्वर सलीम ने निजी सचिव की गिरफ्तारी के बाद मीडिया के सामने सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि फरहत काफी लंबे समय तक मुजफ्फरनगर के दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन का पीए रहा था। वहीं से वह मुनव्वर सलीम के संपर्क में आया था।
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इसके अलावा भी संसदीय जांच और पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही फरहत को नियुक्त किया गया था।आपको बता दे कि मुनव्वर हसन 2004 में मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उनकी पत्नी तबस्सुम हसन इस समय कैराना लोकसभा सीट से रालोद की सांसद हैं। साथ ही उनका बेटा नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से विधायक है। दिल्ली पुलिस के द्वारा फरहत को गिरफ्तार किए जाने के बाद सांसद ने कहा था कि उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। अगर जासूसी के मामले में उनके खिलाफ जरा सा सबूत भी पुलिस ने पेश कर दिया तो वह परिवार सहित आत्महत्या कर लेंगे।