बड़ी खबरः नसरुद्दीन शाह के बयान का देवबंदी उलेमा ने किया समर्थन कहा…
यहां बैठकर एेसे बनाते थे विदेशियों को अपना का शिकार
पुलिस के अनुसार मौके पर पकड़े गए आराेपियों ने बताया कि वह इंटरनेट के माध्यम से वह अमेरिकी नागरिकों का साइबर सिक्योरिटी नंबर की जानकारी जुटाते थे।इसी नंबर आरोपी उनका फोन नंबर से लेकर गाड़ी अौर अकाउंट तक की जानकारी जुटा लेते थे।इसके बाद आरोपी अमेरिकी नागरिकों को काॅल कर अपना परिचय अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी आैर एफबीआर्इ के अधिकारी के रूप में देते थे।इतना नहीं आगे आरोपी उनकी गाड़ी में गलत सामान मिलने, क्राइम रिकाॅर्ड बनाने से लेकर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देकर अपने जाल में फंसा लेते थे।उन्हें इससे बचाने के लिए आरोपी उनसे 2 हजार अमेरिकी डाॅलर से लेकर 5 हजार डाॅलर तक की रकम अपने खाते में डलवा लेते थे।एसएसपी डाॅ अजयपाल शर्मा ने बताया कि कार्रवार्इ के संबंध में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई को ईमेल के जरिये अवगत करा दिया गया है।
मौके से मिला इतना सामान, एेसे मिली थी जानकारी
वहीं अधिकारियों ने बताया कुछ दिन पहले ही एफबीआर्इ अधिकारी भारत आए थे।उन्होंने नोएडा पुलिस से संपर्क कर कुछ सूचनाएं दी थीं।जिस पर काम कर फर्जी काॅल सेंटर का भाड़ाफोड़ किया गया था। वहीं इस बार भी पुलिस ने काम करते हुए ठगी का बड़ा रैकेट पकड़ा है।छापेमारी में पुलिस ने मौके से 20 लाख रुपये, 320, कंप्यूटर, दर्जनों लैपटाॅप आैर मोबाइल समेत उपकरण बरामद किये है।छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर से मनीष बलवान, शैगी, प्रमोद, नरेंद्र पाहुजा, रिमी, मुकुल, बिपिन,परिधि, जान मोहम्मद, मयूर, आैर पुनीत समेत 126 लोगों को गिरफ्तार किया है।