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शस्त्र के शौकीनों को लगा बड़ा झटका, अब हथियार रखना हुआ और मुश्किल

locationनोएडाPublished: Sep 23, 2020 09:16:21 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights
-लाइसेंसी हथियार का गलत इस्तेमाल करने पर 24 लाइसेंस निलंबित
– प्रशासन के तल्ख तेवर से अपराधी किस्म के लाइसेंस धारकों में हड़कंप

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नोएडा। लाइसेंसी हथियार का गलत इस्तेमाल करने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। प्रशासन ने 6 माह के अंदर 24 लोगों के लाइसेंस निलंबित किए हैं। इनमें कुख्यात खनन माफिया से लेकर कई बड़े अपराधी शामिल हैं।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिवाकर सिंह ने बताया कि जनवरी से सितंबर तक 24 शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें कुख्यात खनन माफिया संजय सिंह मोमनाथल, सिंहराज मोमनाथल, सोनू उर्फ सुमित भाटी मकोड़ा आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 57 और लोगों के शस्त्र लाइसेंस के निलंबन की प्रक्रिया चल रही है। इस पर शीघ्र फैसला किया जाएगा।
एडीएम ने बताया कि किसी भी शस्त्र लाइसेंसधारक पर यदि आपराधिक मामला दर्ज है, तो उसके लाइसेंस को निरस्त किया जाएगा। पुलिस की रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद फैसला लिया जाता है। जनवरी से अब तक कुल 24 लाइसेंस निलंबित किये जा चुके हैं। इनमें कासना निवासी हरवीर सिंह, सादुल्लापुर निवासी बबली नागर, घोड़ी बछेड़ा निवासी ओमपाल सिंह के अलावा वीरेंद्र सिंह, अरुण यादव, धर्मवीर सिंह, सतपाल भाटी, सुनील यादव, बाबू, अतुल शर्मा, जसपाल, राजू सिंह, तुषार भाटी, प्रमोद यादव, शिवपाल यादव, ब्रहम सिंह, चंद्रभान, चंद्रपाल और शिरीष आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जल्द ही इन्हें निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा मकोड़ा गांव निवासी सुमित भाटी, बसई गांव निवासी रणपाल उर्फ रणी और हरबंश का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है।

अपर जिला अधिकारी ने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि मारपीट और शांति व्यवस्था को भंग करने वाले लोगों का शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। इस संबंध में सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। थाना प्रभारी की रिपोर्ट आने के बाद ऐसे लोगों का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन के कड़े रुख के चलते आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस रखने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार करीब 40 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, या किसी न किसी प्रकार के आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं। उनकी सूची तैयार की जा रही है।
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