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जानकारों की मानें तो कम खर्च में ज्यादा मुनाफे का कारोबार करने वाले शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए उसमें मरे हुए सांप और छिपकली तक मिला देते हैं। इतना ही नहीं इस शराब में भैंस का दूध निकालने में इस्तेमाल होने वाला ऑक्सिटॉक्सिन का इंजेक्शन, दर्द में इस्तेमाल होने वाली आयोडेक्स के अलावा यूरिया खाद भी मिला देते हैं। डॉक्टर डीके शर्मा ने बताया कि कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के लिए माफिया ऑक्सिटॉक्सिन आदि का उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि गुड़ या उसके शीरे में ऑक्सीटोसिन मिलाने से मिथाइल अल्कोहल बन जाता है। उनका कहना है कि मिथाइल अल्कोहल से ब्रेन डेड के अलावा शरीर के कर्इ हिस्से अपना काम करना बंद कर देते हैं और इससे व्यक्ति की मौत हो जाती है। वहीं इस धंधे से जुड़े कुछ लोगों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कई बार शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए उसमें मरे सांप और छिपकली तक मिला दिए जाते हैं। मेरठ के सीएमआे डाॅ. राजकुमार ने बताया कि सहारनुपर से मेरठ आने वाले ज्यादातर मरीज भी बेहोश थे और उनका ब्रेन डेड था। यह भी पढ़ें