Kartik Purnima की मान्यता कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था। इस वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा कृतिकाओं का पूजन करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
Kartik Purnima पर Snan का महत्व पंडित रामप्रवेश तिवारी के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पहले हाथ-पैर धो लें। इसके बाद आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करना चाहिए। पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लेना चाहिए। इस दिन गंगा स्नान का काफी महत्व होता है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे धन लाभ भी होता है।
Kartik Purnima पर ऐसे करें दान कार्तिक पूर्णिमा पर किया गया दान काफी पापों को नष्ट करने वाला होता है। इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार, गाय का दूध, केला, खजूर, नारियल व अमरूद आदि फलों का दान करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मण, बहन व बुआ आदि को दान करने से काफी पुण्य मिलता है। इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।