नोएडा प्राधिकरण बोर्ड रूम में मीडिया से रूबरू होते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) ने कहा कि प्राधिकरण का पुराने रिकॉर्डों के रखरखाव की स्थिति बेहद खराब है। हालांकि उसके डिजिटलाइजेशन का काम चल रहा है, लेकिन अभी सभी विभाग उसमें कवर नहीं हुए हैं। उनकी कोशिश होगी कि सभी डिपार्टमेंट को इसमें शामिल किया जाए। प्राधिकरण के कार्यप्रणाली के बाबत उन्होंने कहा कि आम जनता और प्राधिकरण के अफसरों के बीच संवादहीनता की स्थिति दूर की जाएगी। प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाया जाएगा और अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी। शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर जोर होगा। उनकी कोशिश होगी कि जो प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, वे समय पर पूरे हों।
सीईओ माहेश्वरी (CEO RITU MAHESHWARI) ने स्वच्छता, जल संरक्षण और प्लांटेशन को अपनी प्राथमिकताओं में शुमार किया है। बीते वर्ष नोएडा को भी स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया गया था। उस दिशा में बहुत से काम करने शेष हैं। डोर टू डोर कलेक्शन के साथ ही ओपन गारबेज प्वाइंट को कवर किया जाएगा। शहर में जगह-जगह सूखे और गीले कूड़े के लिए बॉक्स लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सॉलिड वेस्ट के कंपोनेंट में कंस्ट्रक्शन वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, लिक्विड वेस्ट आदि हैं। अभी बहुत सी सोसायटियों में कंपोस्टिंग शुरू नहीं हुई है। सेनिटेशन और सेग्रीगेशन के जरिये ही हम स्वच्छता के मापदंड को छू पाएंगे। उन्होंने कहा कि सेनीटेशन की शुरुआत तो घर से ही होनी चाहिए।
नोएडा प्राधिकरण की नवनियुक्त सीईओ (NOIDA AUTHORITY CEO RITU MAHESHWARI) ने बताया कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। यद्यपि नोएडा में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बना हुआ है। यहां आईपीएमएस सिस्टम लागू किया जाएगा। इस काम को सरकार कराये या प्राधिकरण, लेकिन यह उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। रितु माहेश्वरी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के जो कंपोनेंट हैं, उसमें सबसे महत्वपूर्ण ट्रैफिक मैनेजमेंट हैं।
बिल्डर्स और बायर्स की समस्यों के बाबत रितु माहेश्वरी ने कहा कि सच है कि बिल्डर्स के पास प्राधिकरण के साथ ही बायर्स का भी पैसा फंसा हुआ है। इस समस्या के निबटारे के लिए साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। बातचीत से इस समस्या के समाधान की कोशिश की जाएगी। गोवंश और गोशाला के बाबत सीईओ ने कहा कि यह सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। नोएडा में एक और गोशाला का निर्माण अथॉरिटी की ओर से कराया जा रहा है, लेकिन अभी वह अधूरा है। उस पर विशेष ध्यान देकर पूरा किया जाएगा। उनकी कोशिश होगी कि उसमें रहने वाले गोवंश को कोई परेशानी न हो।